नहीं तो हो जाएंगे परीक्षा से वंचित
नई दिल्ली:- दिल्ली के सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर और सुधारने के लिए दिल्ली सरकार ने नया फरमान निकाला है। अब किसी भी सरकारी स्कूल में छात्रों की उपस्थिति 60 प्रतिशत होनी अनिवार्य कर दिया है। उपस्थिति कम होने पर छात्रों को परीक्षा से भी वंचित रहना पड़ सकता है। दिल्ली सरकार के नए नियम के अनुसार दिल्ली के सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के छात्रों को अब वार्षिक परीक्षा में बैठने के लिए नियमित स्कूल जाना होगा। ये नियम क्लास 9वीं से 12वीं के छात्रों के लिए है। बता दें कि पहले अटेंडेंस को लेकर कोई नियम नहीं था। यही नहीं छात्रों की स्कूल में उपस्थिति के विषय में अभिभावकों को नियमित रूप से फोन कॉल, एसएमएस, व्हॉट्सअप अथवा मेल से सूचित किया जाएगा। स्कूलों में अध्यापकों द्वारा छात्रों की उपस्थिति का पूरा चार्ट बनेगा जो उसकी ऑनलाइन जमा की गई परफॉर्मेंस प्रोफाइल से जुड़ेगा। छात्रों की उपस्थिति की गणना मिड टर्म परीक्षा से पहले की जाएगी। अगर मिड टर्म के पहले अटेंडेंस कम है तो पैरेंट्स द्वारा शपथ-पत्र देकर छात्र को परीक्षा में बैठने की अनुमति मिल सकती है।
बताया जा रहा है कि पिछले दिनों ही दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने बच्चों की कम उपस्थिति को लेकर सवाल उठाए थे। अब शिक्षा निदेशालय ने स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति सुधारने के लिए ये कदम उठाया है।