Delhi : पिछले 9 वर्षों में जलशक्ति मंत्रालय ने 2,80,000 करोड़ रुपए से अधिक का किया निवेश

:- शीर्ष पांच मंत्रालयों में शुमार रहा है बजट

:- बदला हुआ भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदृष्टि और साहसिक नेतृत्वो का परिणाम

:- देश की जनता का व्यवस्थाओं पर विश्वास और दुनिया में भारत की छवि को किया पुनर्स्थापित

नई दिल्ली :- केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में बीते 9 वर्षों में देश ने जल और स्वच्छता के क्षेत्र में अभूतपूर्व उपलब्धियां हासिल की हैं। जलशक्ति मंत्रालय के तहत चलाए जा रहे जल जीवन मिशन के तहत आज देश के 12 करोड़ से अधिक ग्रामीण परिवारों में नल से शुद्ध जल की आपूर्ति सुनिश्चित कर दी गई है, वहीं स्वच्छ भारत मिशन के तहत 11 करोड़ से अधिक ग्रामीण घरों में शौचालय बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि आज भारत जल और स्वच्छता के क्षेत्र में सर्वाधिक निवेश करने वाला देश बन गया है।

केंद्रीय जलशक्ति मंत्री बुधवार को भाजपा मुख्यालय में मोदी सरकार के 9 वर्ष पूरे होने पर सरकार और मंत्रालय की उपलब्धियां बताने के लिए आयोजित प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले देश के हालात बहुत खराब थे। चाहे पेयजल की व्यवस्था रही हो, स्वच्छता की व्यवस्था रही हो या फिर अन्य मूलभूत सुविधाओं से जुड़े मामले रहे हों, देश बहुत पीछे था। 68 प्रतिशत लोगों के पास शौचालय नहीं थे, महज 16.64 फीसदी घरों में ही नल से जल आता था, करोड़ों लोगों के पास न बिजली की व्यवस्था थी और न ही उनके बैंकों में खाते थे, लेकिन 2014 के बाद इस दिशा में जिस तरह से प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में काम किया गया है, वह दुनिया के लिए एक मिसाल है। आज जल और स्वच्छता के क्षेत्र में लागू की गई हमारी योजनाओं के परिणाम के कारण ही वैश्विक मंचों पर भारत की सराहना हो रही है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार भारत प्रथम की नीति के साथ आगे बढ़ रही है। सरकार की सभी योजनाएं सर्वसमावेशी और सर्वस्पर्शी रही हैं। इसी का नतीजा है कि आज हम एक बदला हुआ भारत देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों की कार्यपद्धति के कारण जनता का सरकार और लोकतंत्र से भरोसा समाप्त हो रहा था। नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व ने जनता को सरकार पर भरोसा करना सिखाया है। सेवा, सुशासन, नवाचार और दृढ़ इच्छाशक्ति हमारी सरकार का आधार पर रहा है, जबकि भ्रष्टाचार और आंतकवाद जैसे मुद्दों पर जीरो टॉलरेंस की नीति का अपनाया गया है।

जल क्षेत्र में समग्र सोच के साथ किया काम

केंद्रीय जलशक्ति मंत्री ने कहा कि आजादी के बाद के दशकों तक देश में पानी जैसे गंभीर मुद्दे पर सरकारों की सोच न तो समग्र रही और न ही दूरदर्शी। प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में पिछले 9 वर्षों में इस क्षेत्र में गंभीरता से काम किया गया है। उन्होंने बताया कि पानी और स्वच्छता के क्षेत्र में जलशक्ति मंत्रालय ने अब तक 2,80,000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया है, जबकि 2004-14 के 10 वर्षों की अवधि में महज 26,278 करोड़ रुपए ही खर्च किए गए। हमारी फ्लैगशिप योजनाओं में भारी निवेश प्रतिबद्धताओं के तहत जल जीवन मिशन में 3,60,000 करोड़ रुपए, स्वच्छ भारत मिशन के तहत 1,80,000 करोड़ और नमामि गंगे परियोजना के तहत 36,500 करोड़ रुपए खर्च करने की योजना है।

शीर्ष पांच मंत्रालयों में शुमार रहा है बजट

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने जल और स्वच्छता को प्रमुख मुद्दा बनाया है। पिछले कुछ वर्षों में जलशक्ति मंत्रालय का बजट हमेशा ही शीर्ष पांच मंत्रालयों में शुमार रहा है। मंत्रालय को वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 97,277 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है, जो जल क्षेत्र को लेकर मोदी सरकार की गंभीरता को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि देश में कुल 19.45 करोड़ घरों में से 2019 तक केवल 3.23 करोड़ यानी 16.64 फीसदी घरों तक ही नल से जल पहुंचता था, लेकिन पिछले तीन वर्षों के दौरान नौ करोड़ से अधिक लोगों में नल से जल के कनेक्शन दिए जा चुके हैं। वर्तमान में 12.2 करोड़ घरों को नल से जल की आपूर्ति हो रही है। देश में 4 केन्द्रशासित प्रदेशों-गोवा, पुडुचेरी, अंडमान और निकोबार, दादर नागर दमन दीव के अलावा 4 राज्य–गुजरात, हरियाणा, तेलंगाना और बिहार में सौ फीसदी हर घर जल योजना को लागू कर दिया गया है।

शेखावत ने इस दौरान जलशक्ति अभियान- कैच द रेन के अलावा पारंपरिक जल निकायों का नवीनीकरण, वाटरशेड विकास, बांधों का नवीनीकरण, रख-रखाव और अमृत सरोवर निर्माण को लेकर भी सरकार के प्रतिबद्धता के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि मिशन अमृत सरोवर के तहत 57,600 से अधिक कार्य पूरे किए गए हैं, जबकि 53,000 से अधिक कार्य किए जा रहे हैं।

स्वच्छ पेयजल उपलब्धता की है सुनिश्चित

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार का मकसद न केवल हर घर नल से जल उपलब्ध कराने का है, बल्कि देश के हर नागरिक को स्वच्छ पेयजल भी मुहैया कराना है। पिछले तीन वर्षों के दौरान पानी की स्वच्छता को लेकर भी गंभीरता से काम किया गया है, जिसके लिए देश में जल परीक्षण प्रयोगशालाएं स्थापित की गई हैं। उन्होंने बताया कि आज देश में 2086 जल परीक्षण प्रयोगशालाएं कार्य रही हैं। वहीं, जल जीवन मिशन शुरू होने से पहले इनकी संख्या महज 38 थी।

श्री शेखावत के अनुसार, आज 22 लाख से अधिक महिलाओं को ग्रामीण क्षेत्रों में फील्ड टेस्टिंग किट का उपयोग करके पानी की जांच करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है। ऐसी 57 हजार बस्तियां थीं, जहां पानी की गुणवत्ता बेहद ही खराब थी, इनमें से 22,016 बस्तियों के पानी में आर्सेनिक, फलोराइड की मात्रा अत्यधिक थी। श्री शेखावत ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में आज के समय में आर्सेनिक, फलोराइड से प्रभावित सभी बस्तियों में सुरक्षित और स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था कर दी गई है। उन्होंने कहा कि नोबेल पुरस्कार विजेता माइकल क्रेमर ने भी माना है कि जल जीवन मिशन जैसे व्यायपक योजना से प्रति वर्ष लगभग 1,36,000 अंडर-5 मौतों को रोकने में मदद मिलेगी।

3.18 लाख गांव हासिल कर चुके हैं ओडीएफ प्लस स्टेटस

केंद्रीय जलशक्ति मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में सरकार ने स्वच्छता के क्षेत्र में भी एक कीर्तिमान स्थापित किया है। स्वच्छ भारत मिशन जैसी योजनाओं की वैश्विक मंचों पर खूब सराहना हुई है। इसे दुनिया का सबसे बड़ा व्यवहार परिवर्तन योजना माना गया है। श्री शेखावत ने कहा कि 2014 से पहले केवल 39 प्रतिशत ग्रामीण घरों में ही शौचालय की सुविधा थी। अक्टूबर 2019 तक हमने 100 प्रतिशत घरों में शौचालय की सुविधा मुहैया करा दी है। श्री शेखावत ने कहा कि एसबीएम के तहत 12 करोड़ से अधिक ग्रामीण घरों और सार्वजनिक स्थानों पर शौचालयों का निर्माण हुआ है और 3.18 लाख गांव ओडीएफ प्लस स्टेटस हासिल कर चुके हैं, यानी 53 प्रतिशत गांव इस श्रेणी में आ चुके हैं।