New Noida Master Plan : 4 अगस्त को प्रस्तुत होगा नए नोएडा का मास्टर प्लान

कई योजनाओं का होगा विस्तार

नोएडा:-   नए नोएडा का मास्टर प्लान 2041 बनकर तैयार हो गया है। इसे 4 अगस्त को नोएडा प्राधिकरण के चीफ  एग्जीक्यूटिव ऑफि सर रितु माहेश्वरी के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। ये नया शहर 210 वर्ग किलोमीटर में क्षेत्र में बसाया जाएगा। दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद इन्वेस्टमेंट रीजन के रूप में तैयार होगा। इस दौरान ग्रेटर नोएडा के चीफ  एग्जीक्यूटिव ऑफिसर सुरेंद्र सिंह और यमुना प्राधिकरण के डॉ अरुण वीर सिंह भी मौजूद रहेंगे।

मास्टर प्लान को दादरी.मुंबई डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर और उज्जैन समेत कई जगह के लैंड पूलिंग पॉलिसी के अध्ययन के बाद तैयार किया गया है। मिक्स लैंड पूलिंग पॉलिसी के तहत इस इन्वेस्टमेंट रीजन को तैयार किया जाएगा। 4 चरण में इस शहर को बसाया जाएगा।

      मिक्स इंडस्ट्री के रूप में इसका विस्तार होगा, जिसके अंदर ही सारी चीजें उपलब्ध कराई जाएंगी। इस इंडस्ट्रियल शहर को 24 घंटे संचालित करने की योजना है। यानी, जो भी औद्योगिक इकाइयां लगाई जाएंगी 24 घंटे चलाई जा सकती हैं। पूरी तरह से प्रदूषण फ्री इकाइयों को यहां विस्थापित कराया जाएगा। ग्रीन इंडस्ट्री के रूप में इसका विस्तार किया जा सकता है। इंवेंटर्स के लिहाज से नया नोएडा को अबुधाबी, दुबई, लंदन, हांगकांग, सियोल, पेरिस, टोक्यो, सिंगापुर, मकाऊ की तर्ज पर बसाने पर जोर दिया जा रहा है।

देश के इन कॉरिडोर को जोड़ेगा नया नोएडा:

वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रे ट कॉरिडोर दादरी से मुंबई

इस्टर्न डेडिकेटेड फ्रे ट कॉरिडोर लुधियाना से कोलकाता तक वाया खुर्जा से एक एसपीयूआर दादरी तक जाएगी।

तीन अर्ली बर्ड प्रोजेक्ट को भी जोड़ेगा

इंटीग्रेटड इंडस्ट्रियल टाउनशिप इन ग्रेटर नोएडा

मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब बोड़ाकी

मल्टीमॉडल लाजिस्टिक दादरी

एक नजर में नया नोएडा:

बुलंदशहर के 64 गौतमबुद्ध नगर के 20 यानी कुल 84 गांवों की जमीन लैंड पूल की जाएगी। लैंड पूल नीति के तहत जमीन के मालिक को 5 साल तक अथवा विकसित भूखंड प्राप्त होने तक क्षतिपूर्ति के आधार पर मासिक रूप से मुआवजा 5 हजार रुपए प्रति एकड़ प्रतिमाह होगा। योजना के तहत पूलिंग में दी गई भूमि का 25 फीसदी जमीन के मालिक को दी जाएगी। विकसित जमीन का 80 फीसदी जमीन औद्योगिक उपयोग के लिए जो कम से कम 450 वर्गमीटर का होगा। लैंड पूल नीति में बाई.बैक का प्रावधान नहीं होगा। आवंटित भूमि पर मास्टर प्लान, बिल्डिंग बॉयलॉज, स्वीकृत जोनल प्लान लीज डीड की शर्तें मान्य होंगी। विकसित भूखंडों पर बेस्ट यूटिलिटी का प्रावधान किया जाएगा। लैंड पूलिंग पॉलिसी के मुताबिक जिन लोगों के पास अपनी जमीन है या ऐसे लोगों का समूह नोएडा डेवलपमेंट अथॉरिटी यानी एनडीए से मिलकर लैंड पूलिंग स्कीम के तहत रजिस्टर्ड हो सकते हैं। उन जमीन पर फ्लैट्स बनाकर बेच सकते हैं। सेक्टर के लिए 70 फीसदी जमीन एक साथ होना जरूरी है। न्यूनतम 2 हेक्टेयर जमीन इस स्कीम के तहत होनी चाहिए। सेक्टर के लिए 250 से 400 हेक्टेयर जमीन का होना जरूरी है। नियम और गाइडलाइंस एनडीए की रहेंगी।

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