निगम की मंजूरी की दरकार , जर्जर मकान पर लटकी हादसे की तलवार


नई दिल्ली ।
राजधानी दिल्ली में नगर निगम के हालात ये हैं कि यहां अवैध रूप से घरों और इमारतों का काम धड़ल्ले से देखा जा सकता है ,लेकिन विपरीत इसके यदि कोई वैध तरीके से निर्माण की इजाज़त लेकर अपने घर की मरम्मत भी करना चाहे तो वह सरकारी औपचारिकताओं में फंस कर रह जाता है। ऐसा ही एक मामला दक्षिण दिल्ली में सामने आया है , जहां पीड़ित मकान बनवाने की मंजूरी के लिए दर दर की ठोकरें खा रहा है लेकिन उसे मकान का निर्माण कार्य करने की मंजूरी नहीं मिल पा रही है। दिल्ली के छत्तरपुर विधानसभा में पीड़ित अशोक कुमार पुत्र सूरजभान पता- म नंं -151, नई मंगलापुरी ( महरौली गुरुग्राम रोड ) के निवासी ने जानकारी देकर बताया कि मेरा बहुत पुराना घर है जो मिट्टी में बना हुआ है और सीलन के चलते उसकी हालत भी जर्जर हो चुकी है, घर के फर्श से और बिजली के बोर्ड से भी पानी निकलता रहता है। जिस वजह से पूरे घर में करंट फैल जाता है ये कहीं न कहीं मेरे और मेरे परिजनों के लिए जानलेवा भी है। यही नहीं इसके अलावा सीलन के चलते मच्छर भी काफी पनप रहे हैं। जिससे डेंगू, मलेरिया सहित अन्य बीमारियां भी हो रही हैं। चिंताजनक तो यह है कि मेरे पिताजी की भी बीमारी से मृत्यु हो चुकी है। पीड़ित ने जानकारी देते हुए बताया कि कुछ समय पहले एमसीडी के कर्मचारी भी आए थे जिन्होंने ये स्वीकार किया था कि मकान की स्थिति जर्जर है। बावजूद, इसके आज तक कभी कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। हमने एमसीडी में भी निर्माण कार्य की मंजूरी के लिए कई चक्कर काटे । लेकिन, परमिशन नहीं मिल पा रही है। घर की छत में भी काफी झुकाव हो गया है। जिससे कभी भी कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है।