हाई रिस्क कैदियों के लिए दिल्ली में बनेगी नई जेल


नई दिल्ली।
दिल्ली के नरेला इलाके में बनने के लिए प्रस्तावित राष्ट्रीय राजधानी की चौथी जेल के निर्माण को सीएम अरविंद केजरीवाल सरकार ने अपनी मंजूरी दे दी है। इस जेल में ‘हाई रिस्क’ वाले कैदियों को रखा जाएगा। अगले दो साल में यह जेल बनकर तैयार होने की संभावना है। दिल्ली सरकार के एक अधिकारी के मुताबिक केंद्र सरकार ने जेल परिसर के निर्माण के लिए 120 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जिसका डिजाइन अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की सेलुलर जेल के समान होगा।
अधिकारी ने ये भी बताया कि संबंधित मंत्री से इसके निर्माण के लिए जरूरी प्रशासनिक मंजूरी ले ली गई है। नरेला जेल की फाइल को वित्त विभाग को भेज दी गई है। वित्त से जुड़े पहलुओं को लेकर कुछ प्रश्न थे, जिनका उत्तर दे दिया गया है। वित्त विभाग से मंजूरी मिलने के बाद लोक निर्माण विभाग जेल के निर्माण के लिए निविदाएं आमंत्रित करेगा। जेल निर्माण की प्रक्रिया में मौजूदा गति को देखते हुए इसका निर्माण दो साल में पूरा हो जाएगा।
प्रस्तावित नरेला जेल में सुरक्षा सुविधाओं में सीसीटीवी कैमरे, चौबीसों घंटे निगरानी, कैदियों के लिए आइसोलेशन रूम, ऊंची दीवारें और बेहतर तकनीक के मोबाइल जैमर शामिल होंगे। दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने नरेला में जेल के लिए जमीन आवंटित की है और अनुमानित योजना के अनुसार जेल में 250 सेल होंगे। इसे अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की सेलुलर जेल की तर्ज पर बनाया जाएगा।
बता दें कि वर्तमान में दिल्ली में तीन जेल परिसर हैं। इनमें तिहाड़, रोहिणी और मंडोली जेल शामिल हैं। ये सभी केंद्रीय जेल हैं।