NGT fine on Noida and Delhi Jal Board: नोएडा प्राधिकरण पर सौ करोड़ और दिल्ली जल बोर्ड पर 50 करोड़ का जुर्माना

नालों की सफाई पर एनजीटी का एक्शन



नोएडा:- नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने नोएडा प्राधिकरण 100 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। ये जुर्माना नोएडा के याचिकाकर्ता कुसुम गुप्ता की एक याचिका पर लगाया गया। जिसमे कहा गया था कि दिल्ली से नोएडा में प्रवेश कर सेक्टर.168 होते हुए यमुना तक जाने वाले करीब 21 किमी लंबे सिचाईं नाले की साफ.सफाई नहीं की गई।
   नोएडा प्राधिकरण और दिल्ली जल बोर्ड की ओर से जो भी तथ्य प्रस्तुत किए गए वे इस प्रयोजन के लिए नाकाफी रहे। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने माना कि नाले की वजह से पर्यावरण को काफी नुकसान हुआ है। इसको लेकर यूपी व दिल्ली के चीफ सेकेट्री स्तर के अधिकारी इस मामले को गंभीरता लेते हुए संबंधित अथारिटीस की जिम्मेदारी तय करे और अधिकारियों के खिलाफ एक्शन लिया जाए। अध्यक्ष सीपीसीबीए अध्यक्ष डीपीसीसी और अध्यक्ष यूपीपीसीबी की एक संयुक्त कमेटी बनाई जाए और तीन महीने में रेमिडिएशन का एक्शन प्लान बनाए। एनजीटी ने आदेश में दिल्ली जल बोर्ड को भी फटकार लगाते हुए 50 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। जुर्माने की रकम सेंट्रल पलूशन कंट्रोल बोर्ड के खाते में दोनों अथारिटीस को अलग.अलग जमा करनी होगी। साथ ही 95 सोसाइटी, इंडस्ट्री जिनका सिवरेज बिना शोधित किए न जा रहा है। यूपीपीसीबी सख्त एक्शन ले। यहीं नहीं इस मामले में गाजियाबाद नगर निगम, दिल्ली जल बोर्ड, ईस्ट दिल्ली म्यूनिसिपल कारपोरेशन, नगर पालिका परिषद, खोड़ा मकनपुर को भी निर्देशित किया कि नाले में जो भी गंदगी जाती है उसे वैरीफ़ाई करते हुए एक्शन लिया जाए। याचिकाकर्ता कुसुम गुप्ता ने बताया कि नाले की सफ़ाई के मामले को लेकर एक अक्टूबर 2018 को उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। वहां सुनवाई के दौरान एनजीटी जाने के लिए कहा गया। 1 नवंबर 2018 को उन्होंने एनजीटी में याचिका दायर की। जिसमें 5 अगस्त को एनजीटी ने सुनवाई करते हुए नोएडा प्राधिकरण और दिल्ली जल बोर्ड के खिलाफ  निर्देश दिए।

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