3 राज्यों की पुलिस को थी तलाश , क्राइम ब्रान्च के हत्थे चढ़े ऐसे चोर


नई दिल्ली।
दिल्ली की क्राइम ब्रांच पुलिस ने एक ऐसे शातिर मास्टरमाइंड चोर को पकड़ने में कमायाबी पाई है, जिसने दिल्ली ही नहीं बल्कि यूपी और हरियाणा की पुलिस की नाक में भी दम कर रखा था और अपने सहयोगियों के साथ मिल कर बड़ी-बड़ी चोरियों को अंजाम दे चुका था। यह चोर इतना शातिर है कि किसी वारदात को अंजाम देने से पहले यह उस इलाके में दिन के वक्त रेकी करता था और जब इसे इसका टारगेट घर मिल जाता था, तो रात के समय घर में घुसकर सारे कीमती सामानों पर हाथ साफ कर फरार हो जाता था। गिरफ्तार आरोपी की पहचान, मोहम्मद सैदुल उर्फ रॉबिन उर्फ मिलन के रूप में हुई है। यह सरिता विहार के मदनपुर खादर एक्सटेंशन का रहने वाला है। पुलिस ने इसके कब्जे से जामिया नगर में हुई 13 लाख की चोरी का सामान और बाइक आदि चीजें बरामद की है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार इस शातिर चोर ने इस महीने की 11 तारीख को जामिया नगर थाना इलाके के एक घर मे उस वक्त 13 लाख रुपये की बड़ी सेंधमारी को अंजाम दे डाला जब घर के सारे लोग एक शादी-समारोह में शामिल होने के लिए दिल्ली से बाहर गए हुए थे। जब घर के लोग वापस आये तो उन्होंने घर से कीमती सामान, जूलरी, घड़ियां, लैपटॉप, मोबाइल और अन्य सामान चोरी पाया. इसकी शिकायत उन्होंने जामिया नगर थाने में दर्ज कराई. इसके बाद पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और टेक्निकल सर्विलांस की मदद से छानबीन शुरू की।
क्राइम ब्रांच के स्पेशल सीपी रविन्द्र यादव ने बताया कि इस शातिर चोर को पकड़ने के लिए डीसीपी अमित गोयल की देखरेख में एसीपी रमेश लांबा, इंस्पेक्टर कमल सिंह और सतेंद्र मोहन, गुलाब सिंह, शैलेंद्र सिंह और कॉन्स्टेबल नवीन कुमार की टीम का गठन किया गया था। पुलिस टीम सूत्रों को सक्रिय कर लगातार इसके बारे में जानकारियों को विकसित करने में लगी हुई थी। आखिरकार पुलिस की मेहनत रंग लाई और क्राइम ब्रांच के हेड कॉन्स्टेबल सुरेंद्र को सूचना मिली कि जामिया नगर मामले में शामिल सेंधमार सरिता विहार के मदनपुर खादर एक्सटेंशन, में छिपा हुआ है।
इस सूचना पर त्वरित प्रतिक्रिया करते हुए पुलिस टीम ने टेक्निकल सर्विलांस और लोकल इंटेलिजेंस की सहायता से छापेमारी कर आरोपी मोहम्मद सैदुल उर्फ रॉबिन को दबोच लिया। इसके खिलाफ पहले से ही सरिता विहार, पालम गांव, जामिया नगर, न्यूफ्रेंड कॉलोनी, गाजीपुर, ओखला, फरीदाबाद, नोएडा और कालंदी कुंज में 15 आपराधिक मामले दर्ज हैं।