सरस आजीविका मेला 2025 का विधिवत उद्घाटन, महिलाओं को सशक्त बनाने पर जोर

:- केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वर्चुअल माध्यम से किया संबोधन

नोएडा। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय और राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान के सहयोग से आयोजित सरस आजीविका मेला 2025 का विधिवत उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर केंद्रीय ग्रामीण विकास और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वर्चुअल माध्यम से समारोह को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि नोएडा जैसे औद्योगिक शहर में इस मेले का आयोजन गर्व का विषय है। सरकार का लक्ष्य देशभर की महिलाओं को सशक्त, स्वावलंबी और उद्यमी बनाना है।

महिलाओं को सशक्त बनाने का संकल्प

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि महिलाएं अब अबला नहीं, बल्कि सबला बन चुकी हैं। उन्होंने कहा, “सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से ग्रामीण महिलाएं अपने कौशल को निखार रही हैं और आर्थिक रूप से मजबूत हो रही हैं।” उन्होंने मेले की सफलता की कामना करते हुए मंत्रालय की टीम और सभी सहयोगियों का आभार व्यक्त किया।

लोकल से ग्लोबल का सपना : चंद्रशेखर पेम्मासानी

ग्रामीण विकास एवं संचार राज्य मंत्री चंद्रशेखर पेम्मासानी ने कहा कि यह मेला सिर्फ एक आयोजन नहीं, बल्कि एक आंदोलन है। उन्होंने कहा, “इस मेले के माध्यम से महिलाएं सिर्फ कामगार नहीं, बल्कि काम देने वाली बन रही हैं। यह भारत की आर्थिक प्रगति का प्रतीक है।”

सरस मेला बना ब्रांड : कमलेश पासवान

ग्रामीण विकास राज्यमंत्री कमलेश पासवान ने बताया कि यह सरस मेले का पांचवां संस्करण है, जिसमें 225 स्टॉल और एक हजार से अधिक उत्पादों की विविधता है। उन्होंने कहा, “सरस मेला अब एक ब्रांड बन गया है, जो महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रहा है। यह मेला सिर्फ उत्पादों की खरीदारी का नहीं, बल्कि महिलाओं को सशक्त करने का भी है।”

सरस आजीविका मेला 2025 का आयोजन 21 फरवरी से 10 मार्च तक नोएडा हाट, सेक्टर-33 ए में किया जा रहा है। इस मेले का उद्देश्य ग्रामीण भारत की समृद्ध शिल्प कला और संस्कृति को शहरी लोगों से जोड़ना है। मेले में राजस्थान, गुजरात और छत्तीसगढ़ की बैड शीट्स खास आकर्षण का केंद्र रहीं। ये उत्पाद न केवल सुंदर हैं, बल्कि टिकाऊ और आरामदायक भी हैं।

400 से अधिक महिला शिल्पकारों ने किया प्रदर्शन

मेले में 400 से अधिक महिला शिल्पकारों ने अपने हस्तकला और पारंपरिक कलाओं का प्रदर्शन किया। ये महिलाएं विभिन्न स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हैं और अपने कौशल के जरिए ग्रामीण संस्कृति को जीवंत कर रही हैं। हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट उत्पादों की जमकर बिक्री हुई।

मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी भरपूर आनंद लिया जा रहा है। पांचवें दिन पंजाब के प्रवीन आर्या ग्रुप के कलाकारों ने पंजाबी नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति दी। वहीं, हीटेक इंटरनेशनल स्कूल, गाजियाबाद की छात्राओं ने सामूहिक नृत्य प्रस्तुत किया।

जिलाधिकारी गौतमबुद्ध नगर मनीष कुमार वर्मा ने कहा कि मेले की व्यवस्था में कोई कमी नहीं छोड़ी गई है। उन्होंने कहा, “हमें उम्मीद है कि यह मेला पिछले संस्करण से दोगुनी सफलता हासिल करेगा। प्रशासनिक स्तर पर हर संभव प्रयास किया जा रहा है।”