पन्नू से बन गया राजू, 31 साल बाद खाया भरपेट खाना

खोड़ा।

31 साल तक परिवार से दूर रहे राजू की जिंदगी में खुशी के पल लौट आए हैं। परिवार के बीच पहुंचकर वह खिलखिला रहे हैं। तीन दशक से ज्यादा लंबे समय की कड़वी और डरावनी यादों को भूलना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि बेड़ियों में कैद रहकर जिंदगी जीना ही भूल गए थे। बचपन में नाम पन्नू था लेकिन बिछड़ जाने पर राजू हो गया। इतने लंबे समय बाद बृहस्पतिवार को पहली बार भरपेट खाना खाया।
राजू के लौट आने के बाद शहीदनगर स्थित उनके घर में लोगों का तांता लगा है।

रिश्तेदार और पड़ोसी आ रहे हैं। लोग इस कहानी को चमत्कार से कम नहीं मान रहे। लोग कह रहे हैं कि यह भगवान की ही कृपा है जो 31 साल बाद राजू लौट आया है। राजू की मां ने बताया कि 31 साल के बाद बेटे ने पहली बार भरपेट खाना खाया है। उसे अपहरण करके जो लोग ले गए थे, वे एक ही रोटी देते थे।
राजू जब स्कूल में पढ़ाई करता था तब उसका नाम भीम सिंह था। प्यार से परिवार वाले उसे पन्नू नाम से पुकारते थे। लापता होने के बाद इन 31 सालों में अपहरणकर्ताओं ने राजू से उसका बचपन और भविष्य तो छीना ही, उसकी असल पहचान भी छीन ली। उसे जैसलमेर में एक झोपड़ी में रखा गया था। उसका अपहरण करने के बाद उससे बकरी चरवाने का काम किया जाता था। अगर कोई गलती हो जाती थी तो उसे बुरी तरह से पीटा जाता था।


राजू ने बताया कि उन्हें झोपड़ी में रखा गया था। वहां बिजली भी नहीं थी। उन्होंने लोगों के हाथ में मोबाइल फोन देखा तो है लेकिन कभी चलाया नहीं। उन्हें टीवी चलाना भी नहीं आता है। कभी स्कूल गए ही नहीं। परिजनों का कहना है कि वह अब राजू की पढ़ाई कराएंगे। उन्हें पढ़ना और लिखना सिखाएंगे।