गाजियाबाद नगर निगम का कारनामा,बाबू को जेई बनाकर करोड़ों की एमबी पर करा दिए साइन

:- नगर निगम के एक्ट के विरुद्ध जाकर बाबू ने किए एमबी पर साइन


गाजियाबाद :- नगर निगम का एक नया कारनामा सामने आया है। निगम का उद्यान विभाग एक बाबू से अवर अभियंता का काम ले रहा है। ऐसा करना जहां निगम एक्ट के खिलाफ  है, वहीं प्रशासनिक नियम के भी विरुद्घ है। स्थिति यह है कि अभी तक उद्यान विभाग में तैनात बाबू दिनेश चंद्र शर्मा अभी तक करीब कई करोड़ों के विकास कार्यों की एमबी पर साइन भी कर चुके हैं। नगर निगम के उद्यान विभाग के प्रभारी डॉ अनुज सिंह का कहना है कि नगर निगम में स्टाफ  की कमी है। इसका मतलब यह है कि नगर निगम में किसी भी इंजीनियर की कोई जरूरत नहीं है। इंजीनियरों का कार्य बाबूओं से लिया जा सकता है, मगर इसके लिए न तो नगर निगम बोर्ड से कोई प्रस्ताव पास है और न ही शासन ने इसके लिए नगर निगम के उद्यान विभाग को इसके लिए अधिकृत किया है। निगम के एक सीनियर अधिकारी ने भी माना कि यह एक बड़ी चूक है। ऐसे में माना जा रहा है कि इस प्रकरण में जल्दी ही जांच हो सकती है। जिस दिनेश चन्द्र शर्मा निगमकर्मी से नगर निगम का उद्यान विभाग अवर अभियंता का काम ले रहा है असल में उनका प्रमोशन कर अधिकृत तौर पर बड़े बाबू बनाया गया है। बड़े बाबू को जो कार्य है वह पत्रावली आदि को पूरा करने का कार्य होता है। मगर दिनेश चंद्र शर्मा की निगम में नियुक्ति संघ लोकसेवा आयोग की परीक्षा पास करने के बाद इंजीनियर के पद पर नहीं हुई है।
    इसके बाद भी नगर निगम के उद्यान प्रभारी डॉ अनुज सिंह किस अधिकार और नियम के तहत एमबी पर बड़े बाबू दिनेश चंद्र शर्मा से इंजीनियर के नाते हस्ताक्षर करा रहे है। सूत्रों का कहना है कि प्रति वर्ष कई करोड़ रुपये की पत्रावली पर अवर अभियंता के नाते दिनेश चंद्र शर्मा हस्ताक्षर कर रहे है। अधिष्ठान प्रभारी अपर नगर आयुक्त शिवपूजन यादव का कहना है कि नगर निगम में दिनेश चंद्र शर्मा द्वितीय श्रेणी के लिपिक के पद पर थे। उनका प्रमोशन कर उन्हें प्रथम श्रेणी लिपिक बनाया गया है। उनसे कौन विभाग क्या काम ले रहा है यह उनकी जिम्मेदारी है।