नई दिल्ली :- साल 2020 में स्वतंत्र दिवस के अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले ही इसके बारे में संकेत दे दिए थे अब सरकार इस पर अमल करती दिखाई दे रही है।देश में लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाने की दिशा में केंद्र सरकार ने एक और कदम आगे बढ़ा दिया है। केंद्र सरकार ने महिलाओं की शादी की कानूनी उम्र 18 से बढ़ाकर 21 वर्ष कर दी है और कैबिनेट ने भी इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। भारत में पुरुषों की शादी की कानूनी उम्र पहले से ही 21 वर्ष है।
कैबिनेट की हुई बैठक में इस को मंजूरी दे दी गई है। अब सरकार बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 में संशोधन पेश करेगी और इसके परिणाम स्वरूप विशेष विवाह अधिनियम और व्यक्तिगत कानूनों जैसे हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 मैं संशोधन लाया जाएगा।
कानून के हिसाब से क्या होनी चाहिए विवाह की उम्र ?
भारतीय हिंदू मैरिज एक्ट 1955 और भारतीय क्रिश्चियन मैरिज एक्ट 1872, पारसी मैरिज एंड डिवोर्स एक्ट 1936,स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 सभी के अनुसार विवाह करने के लिए लड़की की उम्र 18 वर्ष और लड़के की उम्र 21 वर्ष होनी चाहिए। धर्म के हिसाब से इसमें कोई बदलाव या छूट नहीं दी गई है।अभी फिलहाल बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 लागू है जिसके हिसाब से लड़की की उम्र 18 वर्ष और लड़की की 21 वर्ष होनी चाहिए यदि इससे कम होती है तो शादी को बाल विवाह की श्रेणी में माना जाता है ऐसा करने और कराने वालों पर 2 साल की जेल और एक लाख तक का जुर्माना हो सकता है। मगर अब नए प्रस्ताव को मंजूरी मिलने और संशोधन के बाद भारत में लड़की की शादी की उम्र 21 वर्ष हो जाएगी