गाजियाबाद जेल में तीन गुना ज्यादा बंदी निरुद्ध, छात्र नेता की आरटीआई में हुआ खुलासा
गाजियाबाद।
गाजियाबाद जेल में क्षमता से तीन गुना ज्यादा बंदी बंद हैं। अकेले ये स्थिति गाजियाबाद नहीं, पूरे उत्तर प्रदेश की है। यूपी की 76 जेलों में मानक से करीब 16 हजार ज्यादा कैदी और बंदी निरुद्ध हैं। मेरठ के छात्र नेता विनीत चपराना द्वारा मांगी गई आरटीआई में ये जानकारी सामने आई है। कारागार प्रशासन एवं सुधार सेवाओं के प्रशासनिक अधिकारी राजीव कुमार कन्नौजिया ने 10 सितंबर को इस आरटीआई का जवाब दिया है। रिपोर्ट के अनुसार-
गाजियाबाद की डासना जेल में 1704 बंदियों को रखने की क्षमता है। इसके सापेक्ष 30 अगस्त तक 4222 कैदी और बंदी निरुद्ध हैं। बागपत में 660 के सापेक्ष 843, मुजफ्फरनगर में 870 के सापेक्ष 2473 ओर बिजनौर जेल में 654 के सापेक्ष 1612 बंदी निरुद्ध हैं। मेरठ मंडल में सिर्फ गौतमबुद्धनगर जेल ऐसी है, जहां 3750 की क्षमता से कम 2744 बंदी बंद चल रहे हैं। पूरे उत्तर प्रदेश में 76 जेल हैं। इन जेलों में 75512 बंदियों को रखने की क्षमता है। इसके सापेक्ष 30 अगस्त 2024 तक 91436 बंदी निरुद्ध चल रहे हैं। इस रिपोर्ट से पता चलता है कि जेलों में मानक से ज्यादा बंदी निरुद्ध हैं। छात्र नेता विनीत चपराना का कहना है कि यूपी की जेलों में बंदियों को जानवरों कि तरह ठूस-ठूसकर रखा गया है। आरटीआई की सूचना को आधार बनाते हुए वे पूरे प्रकरण को मानवाधिकार आयोग के समक्ष भेजेंगे और शिकायत करेंगे।