286 साल के बाद काशी विश्वनाथ मंदिर नए अवतार में, प्रधानमंत्री मोदी ने किया विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर :- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर धाम का लोकार्पण दिया है।ये प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है. लंबे समय इस परियोजना पर काम किया जा रहा था और करीब 32 महीने में बाबा के पूरे परिसर का कायाकल्प हो गया | अब विश्वनाथ मंदिर का विस्तार गंगा के तट तक कर दिया गया है। काशी में बाबा विश्वनाथ के दर्शन से पहले गंगा स्नान की मान्यता है। अब श्रद्धालु गंगा स्नान कर गंगाजल लेकर सीधे बाबा विश्वनाथ के दर्शन कर सकेंगे और सब कुछ मंदिर के प्रांगण में ही होगा इस कार्यक्रम को केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार ने भरपूर प्रयास कर भव्य व विशाल बना दिया। आम और खास सभी लोग इसके साथ ही रहे। इस कार्यक्रम में शामिल होने बीजेपी शासित राज्यों के 12 सीएम और 9 डिप्टी सीएम वाराणसी पहुंचे।लोकार्पण के बाद शाम को प्रधानमंत्री गंगा आरती में शामिल हुए।

:- काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण
:- PM मोदी, CM योगी समेत BJP के दिग्गज वाराणसी में
:- 286 साल पर काशी विश्वनाथ मंदिर नए अवतार में
:- बीजेपी ने दिया भव्य और दिव्य काशी का नारा

काशी विश्वनाथ मंदिर का महत्व

काशी को भारत के सबसे पवित्र शहरों में से एक माना जाता है। मान्यता है कि भगवान विश्वनाथ यहां ब्रह्मांड के स्वामी के रूप में निवास करते हैं। काशी विश्वनाथ मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है।यह ज्योतिर्लिंग गंगा नदी के पश्चिमी घाट पर स्थित है। काशी को भगवान शिव और माता पार्वती का सबसे प्रिय स्थल माना जाता है पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक काशी में बाबा विश्वनाथ के दर्शन मात्र से ही पापों से मुक्ति मिल जाती है और मृत्यु के बाद मनुष्य मोक्ष को प्राप्त करता है

काशी विश्वनाथ मंदिर धाम का विस्तार

अब करीब पांच लाख स्क्वायर फीट में बना काशी विश्वनाथ धाम बनकर पूरी तरह तैयार है। इस भव्य काशी कॉरिडोर में कुल मिलाकर छोटी बड़ी 23 इमारतें हैं और 27 मंदिर हैं काशी विश्वनाथ आने वाले श्रद्धालुओं को गलियों और तंग छोटे रास्तों से नहीं गुजरना पड़ेगा। इस पूरे कॉरिडोर को लगभग 50 हजार वर्ग मीटर के एक बड़े परिसर में बनाया गया है

:- इस कॉरिडोर को तीन भागों में बांटा गया है
:- इसमें चार बड़े गेट और प्रदक्षिणा पथ पर संगमरमर के 22 शिलालेख लगाए गए हैं
:- इन शिलालेखों में काशी की महिमा का वर्णन किया गया है
:- इस कॉरिडोर में मंदिर चौक, मुमुक्षु भवन ,3 यात्री सुविधाएं केंद्र, चार शॉपिंग कंपलेक्स, मल्टीपरपज हॉल, सिटी म्यूजियम ,वाराणसी गैलरी जैसी सुख सुविधाओं की भी व्यवस्था की गई है

1735 में इंदौर की महारानी देवी अहिल्या बाई ने कराया था काशी विश्वनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण

कहा जाता है कि औरंगजेब ने काशी विश्वनाथ मंदिर को ध्वस्त करा दिया था उसके बाद लगभग 125 साल तक कोई विश्वनाथ मंदिर नहीं था इसके बाद साल 1735 में इंदौर की महारानी देवी अहिल्या बाई ने काशी विश्वनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण कराया। इसके बाद अब 286 साल बाद इस मंदिर का पुनर्निर्माण कराया गया है। अब तक लोगों को 2000 वर्ग मीटर में फैले मंदिर के दर्शन के लिए तंग गलियों और छोटे रास्तों से होकर आना पड़ता था लेकिन अब इस पूरे कॉरिडोर को लगभग 50 हजार वर्ग मीटर के एक भव्य और दिव्य कॉरिडोर के रूप में बनाकर देश को बड़ी सौगात मिली है।अब बड़ी आसानी से बाबा विश्वनाथ के दर्शन श्रद्धालु कर सकेंगे

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