After 19 years this yoga is being made on Ganesh Chaturthi : 19 वर्षों बाद गणेश चतुर्थी पर बन रहा ये योग

इन राशियों पर बरसेगी बप्पा की कृपा

नई दिल्ली:- गणेश चतुर्थी का पर्व भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस बार गणेश चतुर्थी 30 अगस्त 2022 मंगलवार को दोपहर 3 बजकर 33 मिनट से शुरू हुई  है। इस बार गणेश चतुर्थी पर 19 साल बाद  शुभ संयोग बन रहा है। डॉ भूपेन्द्र मिश्र ज्योतिषाचार्य बताते है कि पंचांग के अनुसार, चतुर्थी तिथि 30 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 33 मिनट से शुरू हो रही है, जो कि अगले दिन 31 अगस्त दोपहर 3 बजकर 22 मिनट तक रहेगी। इसके साथ ही चित्रा नक्षत्र रात्रि 12 बजकर 11 मिनट तक और शुक्ल योग रात्रि 10 बजकर 45 मिनट तक रहेगा। मध्याह्न व्यापिनी चतुर्थी होने से इसी दिन गणेश चतुर्थी मनाई जाएगी। इस दिन बुधवार का विशेष संयोग भी प्राप्त होगा। इससे पहले वर्ष 2003 में भी 31 अगस्त को तारीख, चित्रा नक्षत्र और शुक्ल योग का संयोग बना था।

ग्रह नक्षत्रों के अद्भुत संयोग में है शुभ मुहूर्त:

ज्योतिष गड़ना के अनुसार गणेश चतुर्थी के दिन 4 ग्रह अपनी राशि में रहेंगे। सूर्य स्व राशि सिंह में, बुध कन्या राशि में, गुरु मीन राशि में, शनि मकर राशि में होंगे। इसके साथ शुक्र सिंह राशि में प्रवेश करके सूर्य के साथ युति करेंगे। चंद्रमा बुध की राशि कन्या से दोपहर बाद बदलकर तुला राशि में प्रवेश करेंगे। सम्पूर्ण अहोरात्र रवि योग का विशेष संयोग भी बनेगा। गणपति का जन्म मध्याह्न काल में होने से दोपहर 12 बजकर 3 मिनट से 2 बजकर 22 मिनट तक स्थापना पूजन का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त रहेगा।

गणेश चतुर्थी पूजा विधि:

गणेश चतुर्थी के दिन सूर्योदय से पूर्व स्नानादि से निवृत हो जाएं। जहां गणपति की स्थापना करनी है,वहां गंगाजल छिड़कर उस स्थान को पवित्र  करें। अब उत्तर पूर्व दिशा में पूजा की चौकी रखें और उस पर लाल या सफेद कपड़ा बिछाएं। अब चौकी पर थोड़े से अक्षत डालें और उस पर गणपति की प्रतिमा स्थापित करें। इस दौरान गणपति की स्थापना के मंत्र का जाप करें।

 अस्य प्राण प्रतिषठन्तु अस्य प्राणा: क्षरंतु च। श्री गणपते त्वम सुप्रतिष्ठ वरदे भवेताम।। 

अब गणपति को रोली, मौली, हल्दी, सिंदूर, अक्षत, चंदन, अबीर, गुलाल, अष्टगंध, मेहंदी, लाल पुष्प , लौंग, इलायची, पान का पत्ता, नारियल अर्पित करें और जनेऊ पहनाएं। उसके बाद जोड़े से 11 या 21 दूर्वा चढ़ाएं। अब उनके प्रिय भोग मोदक या बेसन के लड्‌डू का भोग लगाए। गणपति को उनके प्रिय पांच फल (केला, सीताफल, जामुन, अमरूद, बेल) अर्पित करें। धूप, दीप लगाकर गणपति चालीसा का पाठ करें और परिवार सहित गणेश जी की आरती कर प्रसाद सभी में बांट दें। 10 दिन तक प्रतिदिन गणपति की सुबह-शाम विधिवत पूजा करें।

इन राशियों पर बरसेगी बप्पा की कृपा:

कर्क राशि: इनकी कृपा से इनकी नौकरी में तरक्की और व्यापार में मुनाफा होगा।

वृश्चिक राशि:  इन्हें नए जॉब के लिए ऑफर मिल सकता है। जो लोग नौकरी कर रहें हैं उन्हें प्रमोशन मिल सकता है

तुला: इनके व्यापार और करियर में सफलता मिल सकती है। हर काम की रुकावट दूर हो जाएगी।