:- यूजी, पीजी और पीएचडी की फीस में वृद्धि
:- इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन का दावा कई केंद्रीय विश्वविद्यालयों से अभी भी कम है फीस
Desk report :- विद्यालयी शिक्षा हो या उच्च शिक्षा फीस में बढ़ोत्तरी आम बात है, लेकिन देश के केंद्रीय विश्वविद्यालयों में से एक इलाहाबाद विश्वविद्यालय ऐसा सस्थान है, जहां फीस में बढ़ोत्तरी एक-दो साल या एक-दो दशक नहीं, बल्कि एक शताब्दी बाद बढ़ाई गई है। जी हां, इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने विभिन्न यूजी, पीजी और पीएचडी कोर्सेस की फीस में 100 साल बाद बढ़ोत्तरी की है। विश्वविद्यालय द्वारा बुधवार 14 सितंबर 2022 को साझा की गई आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, “सन 1922 के बाद यह पहला अवसर है जब इलाहाबाद विश्वविद्यालय में फीस वृद्धि की जा रही है।”
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में फीस वृद्धि के बाद छात्रों का विरोध प्रदर्शन दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है इसी विरोध प्रदर्शन को दिखाते हुए समाजवादी पार्टी के नेता डॉ अनुराग भदौरिया ने एक वीडियो ट्वीट किया जिसमें छात्रों की भीड़ मशाल लेकर मार्च करती हुई साफ दिखाई दे रही है। इससे पहले से ही इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्रों आमरण अनशन पर भी बैठे हुए हैं
इविवि का दावा, कई विश्वविद्यालयों से कम है फीस
इविवि प्रशासन की ओर से दावा गया गया है कि विश्वविद्यालय की बढ़ी हुई फीस अब भी अन्य कई केंद्रीय विश्वविद्यालयों से कम है। इसके लिए विवि प्रशासन ने एक चार्ट भी जारी किया है, जिसके अनुसार बीए, बीएससी, बीकॉम, एमए, एमएससी, एमकॉम, एलएलबी, एलएलएम, पीएचडी की बढ़ी हुई फीस बीएचयू, हैदराबाद यूनिवर्सिटी, राजस्थान यूनिवर्सिटी, कश्मीर यूनिवर्सिटी, तमिलनाडु यूनिवर्सिटी, केरला यूनिवर्सिटी, बिहार यूनिवर्सिटी से कम है।