By swapping kidneys, two women saved the lives of each other’s husbands : किड्नी की अदला बदली कर दो महिलाओं ने बचाई एक दूसरे के पतियों की जान

नई दिल्ली:- भारतीय समाज में पति पत्नी के रिश्ते को नैसर्गिक मन जाता है। जहां पत्नि के त्याग और समर्पण की अनेकों कहानी दंतकथाओं में जानी जाती हैं। ऐसा ही एक मामला दिल्ली में भी सामने आया है,जब दो महिलाओं ने अपनी किड्नी की अदला बदली कर आने अपने पतियों की जान बचाई। मामला दिल्ली के द्वारका में स्थित आकाश हेल्थकेयर सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का है। जहां  किड्नी की गम्भीर बीमारी से जूझ रहे दो मरीजों को एक-दूसरे की पत्नी का अंग प्रतिरोपित किया गया। अस्पताल प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार दो परिवारों के एक-एक पुरुष सदस्य किडनी की गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे और प्रतिरोपण के अलावा उनके पास इलाज का और कोई उपाय नहीं था, लेकिन समस्या यह थी कि दोनों ही मरीजों की पत्नियां ब्लड ग्रुप अलग होने के कारण अपने-अपने पति को किडनी नहीं दे सकती थीं। जब अस्पताल में इलाज के दौरान दोनों महिलाओं को पता चला कि उनका ब्लड ग्रुप अपने पति से नहीं मिल रहा है, लेकिन वे एक-दूसरे के पतियों को किडनी दे सकती हैं। तब दोनों महिलाओं ने एक-दूसरे के पतियों को किडनी देने का फैसला लिया। अस्पताल में सम्बंधित विभाग के अपर निदेशक और वरिष्ठ डॉक्टर विक्रम कालरा ने कहा कि दोनों मरीज पिछले करीब दो साल से डायलिसिस पर थे। उन्होंने बताया कि दोनों मरीजों को किडनी प्रतिरोपण की सलाह दी गई थी, दोनों की पत्नियां इसके लिए तैयार भी हो गयी लेकिन उनका ब्लड ग्रुप अपने पति से नहीं मिला। डॉक्टर कालरा ने बताया कि हमने दोनों मरीजों और किडनी देने वालों की सेहत पर ध्यान दिया। उसके बाद किडनी प्रतिरोपण के लिए किडनी की अदला-बदली से संबंधित सरकार द्वारा मंजूर प्रस्ताव दोनों को दिया गया। दोनों की रजामंदी और समिति की मंजूरी से यह प्रत्यारोपण किया। 

अस्पताल प्रशासन के अनुसार, दोनों सर्जरी एक ही वक्त में हुई। पूरी प्रक्रिया मे करीब सात घंटे का वक्त लगा।  किडनी देने वाली दोनों महिलाओं की सर्जरी के लिए अतिरिक्त मानव संसाधन और बुनियादी ढांचे की जरूरत पड़ी, लेकिन सब कुछ सही रहा और चारों (किडनी देने वाले और लेने वाले) सर्जरी के दौरान ठीक रहे। अस्पताल से उन्हें अच्छी हालत में छुट्टी दे दी गई है।