सुपरटेक ट्विन टावर में भ्रष्टाचार पर नोएडा प्राधिकरण के 11 दोषी अफसरों को अंतिम नोटिस


नोएडा।

नोएडा में सुपरटेक के ट्विन टावर मामले की प्रारंभिक जांच में दोषी मिले नोएडा प्राधिकरण के 11 अधिकारियों को अंतिम नोटिस जारी किया गया है। उन्हें अंतिम सुनवाई के लिए 8 अगस्त को तलब किया गया है। इसके बाद इस मामले की पूरी रिपोर्ट शासन को भेजकर आरोपियों पर कार्रवाई की संस्तुति की जाएगी। इस प्रकरण में शासन की ओर से गठित एसआईटी के जांच के बाद 26 अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। शासन ने इनमें से 11 अधिकारियों की जांच 23 मार्च 2023 को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ सौम्य श्रीवास्तव को सौंपी थी। उन्होंने अपनी प्रारंभिक जांच के बाद इस मामले में नोएडा प्राधिकरण के 11 अधिकारियों को दोषी मानते हुए शासन से संस्तुति की थी कि इस प्रकरण की उच्चस्तरीय तकनीकी जांच करा ली जाए। शासन ने एसीईओ की जांच से संतोष जताते हुए उन्हें ही इस प्रकरण में पूरी जांच करने के निर्देश देते हुए फाइल लौटा दी थी। इसके बाद अब एक बार फिर से एसीईओ ही मामले की जांच कर रहे हैं। वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, एसीईओ ने इस मामले में सभी 11 अधिकारियों को नोटिस जारी कर उनका अंतिम जवाब मांगा है और इस प्रकरण की अंतिम सुनवाई वह 8 अगस्त को करेंगे। इसके बाद जांच रिपोर्ट कार्रवाई की संस्तुति के साथ शासन को भेज दी जाएगी। शासन की ओर से ही कार्रवाई की जाएगी। इस प्रकरण में जिन 26 अधिकारियों पर आरोप हैं, उनमें से 20 रिटायर हो चुके हैं। दो की मौत हो चुकी है और चार सेवा में थे, उन्हें सस्पेंड किया जा चुका है। इसके साथ ही उक्त प्रकरण में आरोपी रहे आईएएस अधिकारियों की विभागीय जांच शासन स्तर से चल रही है, जिनमें नोएडा प्राधिकरण के तत्कालीन सीईओ रहे मोहिंदर सिंह, एस.के. द्विवेदी और एसीईओ आरपी अरोड़ा, ओएसडी यशपाल सिंह आदि शामिल हैं। ट्विन टावर को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा प्राधिकरण की कार्यप्रणाली पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा था कि प्राधिकरण के चेहरे ही नहीं, उसके मुंह, नाक, आंख सभी से भ्रष्टाचार टपकता है। इसके बाद शासन ने इस मामले में सितंबर 2021 में उत्तर प्रदेश बुनियादी ढांचा एवं औद्योगिक विकास आयुक्त की अध्यक्षता में चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया था। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर 26 अधिकारियों/कर्मचारियों, सुपरटेक के निदेशकों और उनके आर्किटेक्ट्स के खिलाफ चार अक्टूबर 2021 को केस दर्ज हुआ था।