पोस्टर विवाद के बाद ‘काली’ फिल्म की निर्माता लीना मनीमेकलाई पर हुई एफआईआर

लगा धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप,साधू सन्तों में भी आक्रोश

 दिल्ली/लखनऊ:- डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘काली’ के पोस्टर को लेकर शुरू हुआ विवाद बढ़ता ही जा रहा है। राजधानी लखनऊ के हजरतगंज थाने में फिल्म की निर्माता लीना मनीमेकलाई खिलाफ गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज हुई है। एक अधिवक्ता वेदप्रकाश शुक्ला की तहरीर पर पुलिस ने निर्माता लीना, आशा एसोसियेट और एडिटर श्रवण ओनाथन के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

अधिवक्ता की शिकायत:

मिली जानकारी के अनुसार अधिवक्ता वेदप्रकाश शुक्ला का आरोप है कि फिल्म के पोस्टर में आपत्तिजनक तरीके से मां काली को दिखाया गया है, जिसके वजह से करोड़ों हिन्दुओं की आस्था आहत हुई है। इसलिए फिल्म के निर्माता के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया जाए और  साथ ही फिल्म को प्रतिबंधित भी किया जाए। 

एफआईआर में ये धाराएं:

 लखनऊ के हजरतगंज थाने में लीना पर दर्ज एफआईआर में धारा 120 बी, 153 बी, 295, 295 ए, 298, 504, 505 (1) (बी), 505 (2) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। इसके अलावा डायरेक्टर पर आईटी एक्ट की धारा 66 और 67 भी लगाई गई है।

साधू संत भी आक्रोश में:

महंत राजू दास की फ़ाइल फ़ोटो

अयोध्या के साधु-संतों ने भी फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है,तो वहीं विश्व हिंदू परिषद ने डॉक्यूमेंट्री फिल्म को लेकर आपत्ति जताते हुए फिल्म का विरोध कर सेंसर बोर्ड से इस पर तत्काल प्रतिबंध की मांग की है। इतना ही नहीं हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने फिल्म की निंदा करते हुए प्रतिबंध लगाए जाने के साथ ही गृहमंत्री से मांग की है कि इस मामले में कठोर कार्रवाई हो। साथ ही चेतावनी देते हुए कहा कि अगर हिंदू देवी देवताओं के बारे में इस तरीके की डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाई जाएगी तो फिर स्थितियां विपरीत हो जाएंगी। 

लीना ने किया ट्वीट:

बढ़ते विवाद के बाद लीना ने एक ट्वीट कर लिखा कि मेरे पास खोने के लिए कुछ भी नहीं है। जब तक मैं जीवित हूं, मैं एक ऐसी आवाज के साथ जीना चाहता हूं जो वह बोलती है जो मैं बिना किसी डर के मानता हूं। अगर उसकी कीमत मेरी जान है, तो दी जा सकती है। वहीं एक बयान के दौरान उन्होंने कहा कि यह वास्तव में भारत में बिगड़ती सामाजिक-राजनीतिक स्थिति को दर्शाता है। देश नफरत और कट्टरता के अंधेरे छेद में डूब रहा है। ये ट्रोल न केवल मेरी कलात्मक स्वतंत्रता बल्कि अकादमिक स्वतंत्रता के बाद भी हैं। 

ये है विवाद:

बता दें कि फिल्म काली का पोस्टर आते ही विवादों में घिरा है। इस पोस्टर में एक महिला को मां काली के रूप में दिया गया है। जिसमें उन्हें सिगरेट पीते हुए भी दिखाया गया है। जिनके एक हाथ में त्रिशूल भी है और एक हाथ मे LGBT का झंडा।

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