नई दिल्ली :- दिल्ली विधानसभा में सोमवार को मुख्यमंत्री से लेकर विधायकों तक के वेतन-भत्ते में वृद्धि को लेकर संशोधन विधेयक पारित हो गया। विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान हिस्सा लेने वाले सभी सदस्यों ने विधायकों की सैलरी को बेहद कम बताते हुए इसमें इजाफे का समर्थन किया।
मॉनसून सत्र के पहले दिन कानून मंत्री कैलाश गहलोत ने विधायकों के वेतन में 66 फीसदी बढ़ोतरी से संबंधित विधेयक सदन में रखा। विधेयक में वेतन में बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा गया। विधेयक का सभी विधायकों ने समर्थन किया और पास कर दिया गया। जिसके बाद अब दिल्ली विधायकों को अपने वेतन में 66 फीसदी बढ़ी रकम मिला करेगी। बता दें कि बीते मई में केंद्र ने इस मंजूरी दे दी है उसके बाद एलजी की मुहर लग चुकी है।
उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया बोले हम कॉर्पोरेट तो नहीं है
इस दौरान दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पैर और चादर का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने कहा कि कॉर्पोरेट वर्ल्ड की तरह विधायकों को सैलरी तो नहीं दी जा सकती है, लेकिन उनकी जरूरतें जरूर पूरी होनी चाहिए। उन्होंने कहा, ”हम कॉर्पोरेट में तो हैं नहीं, राजनीति में है। यह जनसेवा का काम है। जितना कॉर्पोरेड वर्ल्ड में रहकर कोई टैलेंड कमा सकता है, उतना तो यहां नहीं मिल सकते हैं। लेकिन इसकी तुलना नहीं हो सकती है। यहां मार्केट वैल्यू के हिसाब से सैलरी नहीं हो सकती है। मार्केट वैल्यू के हिसाब से लेना है तो मार्केट में ही रहें। उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति की लंबाई से कुछ अधिक लंबी चादर होनी चाहिए और इसी तरह जरूरत से कुछ अधिक सैलरी होनी चाहिए।”
पहली बार बीजेपी ने मिलाया सुर में सुर:
वेतन वृद्धि बिल के पास होने पर जो एक बात सबसे अहम देखी गई,वो भाजपा विधायकों का समर्थन था। ऐसा पहली बार देखा गया जब विधानसभा में किसी बिल पर बीजेपी ने आम आदमी पार्टी का विरोध नहीं किया।