नई दिल्ली/गांधीनगर:- गुजरात विद्यापीठ के चांसलर बनने के बाद गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत एक्शन में हैं। देवव्रत अहमदाबाद नगर निगम के स्वच्छता अभियान को विद्यापीठ में भी लागू कर रहे हैं। राज्यपाल न सिर्फ विद्यापीठ को स्वच्छ बनाने में जुटे हैं, बल्कि खुद भी सफाई और दूसरी गतिविधियों में हिस्सा ले रहे हैं। गुजरात विद्यापीठ में राज्यपाल की सख्ती के बाद शुरू हुए सफाई अभियान में अब 20 ट्रक कचरा निकल चुका है। विद्यापीठ की बिल्डिंगों पर उगे पेड़ों को काटा जा रहा है।
राज्यपाल ने परिसर को सुंदर बनाने के साथ-साथ जर्जर बिल्डिंगों को भी ठीक करने के निर्देश दिए हैं। हाल ही में आचार्य देवव्रत अचानक गुजरात विद्यापीठ पहुंचे। उन्होंने यहां की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। भोजनालय, स्वच्छता संकुलों और छात्रावास का भी औचक निरीक्षण किया। छात्रावास की जर्जर हालत और पूरे परिसर में गंदगी देखकर उन्होंने कहा कि यह संस्था महात्मा गांधी के आदर्शों को समर्पित है। ऐसे में इस संस्था को तो स्वच्छता के नए आदर्श प्रस्तुत करने चाहिए, लेकिन यहां की अव्यवस्था और गंदगी देखकर मन खिन्न हो उठा। छात्रावास की दीवारें पान की पीक से बदरंग हो चुकी हैं। शौचालय, स्नानागार में गंदगी का अंबार है। खेल के मैदान में लंबी घासें उग गई हैं। वहां मौजूद कर्मचारियों को फटकार लगाते हुए राज्यपाल ने झाडू लेकर स्वयं सफाई का कार्य शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि स्वयं को गांधीवादी कहलाने वाले व्यवस्थापकों की अव्यवस्था के कारण गुजरात विद्यापीठ गंदगी का घर बन चुका है।
राज्यपाल ने कहा कि गांधी जी का आदर्श वाक्य था कि हमारे शौचालय इतने स्वच्छ होने चाहिए कि वहां बैठकर संध्या-पूजन करने का मन हो। इसके विपरीत विद्यापीठ के छात्रावासों के शौचालय गंदगी से भरे पड़े हैं। स्नानगृहों में तंबाकू के पाउच, टूटी हुई पाइपें, टूटे पंखे यहां की दुर्दशा बयां कर रहे हैं। उनके निर्देश पर अहमदाबाद महानगर पालिका के 30 सफाई कर्मचारियों ने उद्यान से जुड़े 15 कर्मचारियों के साथ मिलकर सहित जेसीबी मशीन और हाइड्रोलिक जैक ट्रॉली की सहायता से सफाई अभियान शुरू किया। उन्होंने खेल के मैदान को भी अविलंब साफ करने के निर्देश दिए। उन्होंने छात्रों से भी साफ-सफाई में योगदान देने के लिए कहा।