Hartalika teej 2022 : हरतालिका तीज पर बन रहे हैं ये 2 दुर्लभ संयोग

आज सुहागिन न करें ये काम

नई दिल्ली:- आज हरितालिका तीज देश भर में मनाई जा रही है। हरतालिका तीज व्रत के अवसर पर दिन सुहागिन महिलाएं भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान श्री गणेश जी की पूजा-अर्चना करती हैं। पूजन के लिए महिलाएं इन देवी-देवताओं की कच्ची मिट्टी से प्रतिमा बनाती है और इनकी विधि-विधान से पूजन करती हैं।

 ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस बार तीज के दिन शुभ और सौम्य योग का निर्माण हो रहा है। हरतालिका तीज हर साल भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। इस बार हस्त और चित्रा नक्षत्र में हरतालिका तीज व्रत आज रखा जा रहा है। इस व्रत में भगवान शिव और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा की जाएगी। महिलाएं पति की दीर्घायु के लिए व्रत रखेंगी जबकि कुंवारी कन्याएं मनचाहा वर की प्राप्ति के लिए व्रत रखेंगी। बता दें कि इस व्रत को बहुत कठिन मन जाता है। हरतालिका तीज व्रत में जल का भी सेवन नहीं किया जाता है। साथ ही व्रत में किसी प्रकार का अन्न भी ग्रहण नहीं किया जाता है। व्रत के अगले दिन महिलाएं व्रत का पारण करती हैं।

बन रहे दो दुर्लभ संयोग:

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हरतालिका तीज व्रत पर दुर्लभ संयोग हस्त और चित्रा नक्षत्र के कारण बन रहा है। इसके साथ ही सौम्य योग में भगवान शिव और मां पर्वती की पूजा की जाएगी। हरतालिका तीज के दिन पूजन के लिए सबसे शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 20 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 59 मिनट तक है। इन दौरान शुभ योग का खास संयोग रहेगा। इस शुभ मुहूर्त में पूजन करना अच्छा रहेगा। ज्योतिष में शुभ योग का खास महत्व है। इस योग में किए गए शुभ कार्य का परिणाम भी शुभ होता है।

ऐसे करें पूजा:

डॉ भूपेंद्र मिश्र ज्योतिषाचार्य ने बताया कि हरतालिका तीज के पूजन सामग्री में शिव, पार्वती और श्रीगणेशजी की मिट्टी की मूर्ति, पीला वस्त्र, दही, शहद, दूध, धतूरा, शमी के पत्ते, केले का पत्ता, जनेऊ, सुपारी, रोली, कलश, बेलपत्र, दूर्वा, अक्षत, घी, कपूर, गंगाजल, फुलहारा और 16 श्रृंगार का सामान मुख्य होता है। इस दिन व्रत करने वाली महिलाएं सूर्योदय से पूर्व ही उठ कर, नहा कर पूरा श्रृंगार करती हैं। पूजन के लिए केले के पत्तों से मंडप बनाकर गौरी-शंकर की प्रतिमा मिट्टी की स्थापित की जाती है। इसके साथ पार्वती जी को सुहाग का सारा सामान चढ़ाया जाता है। रात में भजन, कीर्तन करते हुए जागरण कर तीन बार आरती की जाती है और शिव पार्वती विवाह की कथा सुनी जाती है। इस दिन ‘ॐ पार्वतीपतये नमः मंत्र का अधिक से अधिक जाप करना चाहिये।

सुहागिन भूल से भी न करें ये काम:

1-हरतालिका तीज का व्रत रखने वाली महिलाओं को दिन में नींद लेने से बचना चाहिए। यहां तक कि रात को सोने की बजाए भगवान शिव की आराधना करनी चाहिए।

2- हरतालिका तीज का व्रत निर्जला रखा जाता है। यानी इस दिन महिलाएं जल की एक बूंद भी गले के नीचे नहीं उतारती हैं। 

3- घर में कोई भी मांस,मंदिर या किसी भी प्रकार के तामसिक भोजन का सेवन न करे।

4- हरतालिका तीज व्रत का एक बार संकल्प लेने के बाद इसे प्रत्येक वर्ष रखना जरूरी है। इसे जीवन भर त्याग नहीं सकते।

5-  हरतालिका तीज का व्रत रखने वाली महिलाओं को क्रोध या गुस्सा करने से बचना चाहिए और कोई अपशब्द नहीं बोलना चाहिए।