नई दिल्ली।
नेताओं के चुनावी वादों की हकीकत और प्रॉपर्टी डीलरों के झांसे दिल्ली एनसीआर में शायद ही कोई न जानता हो। इतना ही नहीं विरले ही ऐसे लोग होंगे जो इनमें से किसी न किसी के झूठे वादे का शिकार न हुए होंगे। लेकिन इस बार इनके लोक लुभावन वादों के चक्कर में सैकड़ों लोगों के बेघर होने का फरमान आ चुका है। फरमान भी किसी विभाग या एजेंसी का नहीं , बल्कि हाईकोर्ट का।
मामला राजधानी दिल्ली के बुराड़ी विधानसभा के झरोदा वार्ड के अंतर्गत आने वाली कई कॉलोनियों से जुड़ा है। दो दिनों पहले हाईकोर्ट ने बुराड़ी विधानसभा के झरोदा वार्ड के अंतर्गत आने वाली कई कॉलोनियों को तोड़ने का नोटिस जारी किया है। यहां बकायदा नोटिस चिपकाकर लोगों को 19 नवंबर तक घरों को खाली करने का निर्देश दिया गया है। जिसके बाद इन घरों को तोड़ दिया जाएगा, ऐसा उस नोटिस में कहा गया है। यहां रह रहे लोगों ने बताया कि वो 30 सालों से यहां रह रहे हैं।
कॉलोनी के लोगों का आरोप है कि इलाके के जमीदारों ने उन्हें ग्राम सभा की जमीन बेची है। उन्हें नहीं बताया गया कि यह जमीन ग्राम सभा की है। अपने फायदे के लिए उन्होंने जमीन बेच दी और अब जमीन पर बसी कालोनियों को तोड़ा जाएगा। लाखों की संख्या में लोग यहां पर रहते हैं। लोगों का कहना है कि अब सर्द रातों में वे कहां आसरा लेंगे।
लोगों का आरोप है कि दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार की ओर से पहले यहां पर लोगों को बसाया गया और अब कोर्ट द्वारा नोटिस जारी कर कॉलोनी को तोड़ने के आदेश दिए गए हैं। लोगों का कहना है कि जब चुनाव आते हैं, तो नेता वोट मांगने के लिए आते हैं और उनसे झूठे वादे भी करते हैं कि कॉलोनी को पास कराया जाएगा, लेकिन अभी तक दिल्ली में कई कॉलोनियां पास नहीं हुई हैं और पूरी दिल्ली में इसी तरह लाखों लोग कच्ची कॉलोनियों में रह रहे हैं, जहां पर लोगों को बिजली और पानी के कनेक्शन भी सरकारी विभागों की ओर से दिए गए हैं। लोगों का कहना है कि यदि कॉलोनी कच्ची है तो सरकार लोगों को बिजली और पानी के कनेक्शन क्यों दे रही है और क्यों उन्हें बुनियादी सुविधाएं दी जा रही हैं।
रिंग रोड किया जाम:
मंगलवार को इसके विरोध में इलाके के हजारों लोग सड़कों पर उतर आए और रिंग रोड को जाम कर दिल्ली हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ अपना रोष जाहिर किया। लोगों के प्रदर्शन की वजह से मुकरबा चौक और वजीराबाद रिंग रोड पर कई किलोमीटर लंबा जाम लग गया।