सीबीआई अफसर के सुसाइड को भी अपने केस से जोड़ा
नई दिल्ली:-भारतीय जनता पार्टी द्वारा एक स्टिंग वीडियो जारी करने के बाद दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने भी जवाब दिया है। यही नहीं उन्होंने गत दिनों एक सीबीआई अफसर की सुसाइड मामले में भी अपने आप को जोड़ते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा।
सिसोदिया ने कहा कि वह स्टिंग नहीं मजाक है, शराब घोटाले को लेकर भाजपा ने खूब हो-हल्ला मचाया कभी 8 हजार करोड़ कभी तो कभी 11000 करोड़ तो कभी डेढ़ लाख करोड़। ये लोग खुद तय नहीं कर पाए कि घोटाला कितने का हुआ। सिसोदिया ने कहा कि सीबीआई ने मेरे घर पर, मेरे बैंक लॉकर की जांच की ,उसमें भी उन्हें कुछ नहीं मिला। दो कंपनी के लेन देंन को मेरे ऊपर थोपने की कोशिश की। मगर सीबीआई जांच में मुझे लगभग क्लीन चिट मिल गई है। तो अब गाड़ी में पता नहीं किससे सवाल-जवाब करके उसे स्टिंग बताया जा रहा है इस तरह के मेरे पास भी पास भी स्टिंग है मैं भी चला सकता हूं। लेकिन भाजपा का स्टिंग नहीं मजाक है।
सीबीआई अफसर की मौत पर किया ये दावा:
सिसोदिया ने सीबीआई के अफसर की मौत को अपने केस से जोड़ते हुए कहा कि उनकी गिरफ्तारी की मंजूरी देने के लिए दबाव में सीबीआई के लीगल अडवाइजर जितेंद्र कुमार ने आत्महत्या की। वे सीबीआई के एंटी करप्शन ब्रांच में। इनका काम था लीगली चीजों को देखना। मेरे खिलाफ जो फर्जी एफआईआर कराई गई है एक्साइज के मामले में, उसका लीगल मामला भी वही देख रहे थे। उन पर दबाव डाला जा रहा था कि मेरे खिलाफ गलत तरीके से केस बनाकर मुझे अरेस्ट कराने की लीगल मंजूरी दें, जिसको वह मंजूरी नहीं दे रहे थे। उनपर इतना दबाव था कि मानसिक दबाव में आ गए और सुसाइड कर लिया। यह बहुत दुख की बात है कि सीबीआई के एक अधिकारी, जिसे दिख रहा था कि पूरा मामला फर्जी है, उस पर इतना दबाव बनाया गया कि आत्महत्या करने पर मजबूर होना पड़ा। यह बहुत अफसोसजनक है। उन्होंने कहा कि मैं पीएम को बोलना चाहता हूँ कि अगर आप मुझे फँसाना चाहते हैं तो फँसा लीजिये लेकिन इस तरह अधिकारियों पर दबाव बनाकर उन्हें आत्महत्या करने पर मजबूर ना करे। किसी का घर उजड़ रहा है। आप महंगाई पर काम क्यों नहीं करते, स्कूल बनाने पर काम क्यों नहीं करते। इन सब में क्यों लगे है। मैं इस घटना से बहुत आहत हूं।
बता दें सीबीआई हेडक्वार्टर में डिप्टी लीगल एडवाइजर के पद पर तैनात व्यक्ति ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी। मृतक की पहचान हिमाचल प्रदेश के रहने वाले जितेंद्र कुमार (48) के रूप में हुई है थी। जितेंद्र कुमार दिल्ली की डिफेंस कॉलोनी के हुडको कॉम्प्लेक्स में रहते थे। उन्होंने अपने घर में कपड़े से फांसी लगाई थी। पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट भी मिला है। जिसमें लिखा है कि उनकी मौत के लिए कोई जिम्मेदार नहीं है।