International Surajkund Craft Mela : आकर्षण का केंद्र बन रहे सरस आजीविका मेले के उत्पाद।

नई दिल्ली :- सूरजकुण्ड अंतरराष्ट्रीय क्राफ़्ट मेले में ग्रामीण विकास मंत्रालय व राष्ट्रीय ग्रामीण विकास व पंचायती राज द्वारा आयोजित सरस आजीविका दर्शकों की पहली पसंद बन रहा है । क़रीब 12 राज्यों के ग्रामीण उत्पादों से सरोबार व 125 महिलाओं के सशक्तिकरण के अनगिनत उदाहरण पेश करता सरस सूरजकुण्ड के दर्शकों को काफ़ी लुभा रहा है । ग्रामीण विकास मंत्रालय व राष्ट्रीय ग्रामीण विकास व पंचायती राज संस्थान ने देश के चुनिंदा महिला कारीगरों को सूरजकुण्ड में स्थान उपलब्ध कराया है । रोहिणी से आई दर्शक निरुपमा का कहना है “ सरस की तो बात ही कुछ और है । सरस को देख कर मुझे गाँव देहात की याद आ जाती है । सरस के उत्पादों में गाँवों की कला संस्कृति की झलक मिलती है “गुरुग्राम की आशा का मानना है कि “ मैं गुरुग्राम में हुए सरस में महाराष्ट्र का देशी घी ख़रीद कर ले गई थी । मेरे घर के सभी लोगों ने उस घी की तारीफ़ की । सरस के फ़ूड उत्पादों का कोई मुक़ाबला नही । पिछले साल सूरजकुण्ड में सरस नहीं लगा था तब हमें बड़ी निराशा हुई थी। हम तो सूरजकुण्ड में सरस घूमने ही आते है “दिल्ली के चितरंजन पार्क से आई निशा का कहना है “ सरस का कोई मुक़ाबला नही । मैं पिछले 20 सालो से सरस की रेगुलर विज़िटर हू । सरस का प्रबंध बहुत बढ़िया है । मैनेजमेंट से जुड़ा स्टाफ़ बहुत विनम्र है । स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं से मिलकर बहुत अच्छा लगता है । सरस तो सूरजकुण्ड मेले की शान है “ फ़रीदाबाद से आई नाज़िमा का कहना है “ सरस में आकर हमें गाँवों की कला संस्कृति की जानकारी मिलती है । सरस हमें ज़मीन से जोड़ता है । स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं से हमें प्रेरणा मिलती है । इस संवाददाता को कई दर्शकों ने सरस की ख़ासियत गिनाई । मुकेश नामक दर्शक ने कहा कि सरस को अपनी स्टालो का विस्तार करना चाहिए । दरअसल पूरे सूरजकुण्ड में गाँव देहात से जुड़ी कला संस्कृति और उत्पाद सरस में ही उपलब्ध होते है । फ़िलहाल सरस सूरजकुण्ड के दर्शकों की पहली पसंद बन गया है ।