’हार मुझे स्वीकार नहीं’ उपन्यास का लोकार्पण समारोह आयोजित


नारी शक्ति को मजबूत करता है कुसुमआचार्य का उपन्यास-डॉ. मधु चतुर्वेदी


ग़ज़ल गोष्ठी में शामिल दो दर्जन ग़ज़लकारों का हुआ सम्मान

ग़ज़लकारों ने ग़ज़ल पाठ कर खूब समां बांधा


नोएडा।

सुप्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. मधु चतुर्वेदी ने कहा कि ‘हार मुझे स्वीकार नहीं’ उपन्यास नारी शक्ति को और मजबूत करता है। लेखिका कुसुम आचार्य ने इसे बहुत सुन्दर और सरल भाषा-शैली में लिखा है, जो हिन्दी साहित्य में अपनी विशिष्ट पहचान बनाएगा। देवप्रभा प्रकाशन गाजियाबाद द्वारा प्रकाशित लेखिका कुसुम आचार्य के ‘हार मुझे स्वीकार नहीं’ उपन्यास के लोकार्पण समारोह में बतौर अध्यक्ष उन्होंने अपने विचारों में यह बात कही।

इस अवसर पर आयोजित सम्मान समारोह और ग़ज़ल गोष्ठी में दो दर्जन ग़ज़लकारों ने अपनी ग़ज़लों का मनमोहक पाठ कर खूब समां बांधा। सभी को देवप्रभा प्रकाशन की ओर से अंगवस्त्र, मोतियों की माला एवं सम्मान प्रतीक देकर सम्मानित किया गया। यह आयोजन नोएडा सेक्टर 126 स्थित किरण नादर कला संग्रहालय में किया गया। मशहूर शायर डॉ. अशोक मधुप, बाबा कानपुरी, आलोक बेजान, रमेश प्रसून, अखिल भारतीय साहित्य परिषद उत्तर प्रदेश के सचिव अरविन्द भाटी विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए। कार्यक्रम का कुशल संचालन कवयित्री सपना दत्ता सुहासिनी ने किया। देवप्रभा प्रकाशन के प्रकाशक, कवि एवं पत्रकार डॉ. चेतन आनंद और देवप्रभा परिवार ने कार्यक्रम का खूबसूरत संयोजन किया। इस अवसर पर जिन ग़ज़लकारों एवं अतिथियों का सम्मान किया गया, उनमें अनिमेष शर्मा, शरद गुप्ता, नेहा वैद, इंदु मिश्र किरण, बिमलेन्दु सागर, बीएल बत्रा अमित्र, राहुल धामा, आशीष प्रकाश, डॉ. एसके संप्रति, रजनीश गोयल, विपिन दिलवरिया ओम, मंजुला रॉय, संजीव दत्ता, मनोहर त्यागी आदि मुख्य रूप से शामिल रहे। अंत में चेतन आनंद ने सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त किया।