Modi’s speech at Red Fort : लालकिले की प्राचीर से गरजे प्रधानमंत्री मोदी

भाषण में किया 5 प्रण और 5जी का जिक्र।

नई दिल्ली :-  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राजधानी दिल्ली स्थित लाल किले की प्रचीर से राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराने के बाद राष्ट्र को संबोधित किया। पीएम मोदी का 82 मिनट लंबा भाषण देश के कई अहम विषयों पर केंद्रित रहा, जिसमें उन्होंने जय जवान से लेकर जय अनुसंधान, पंच प्राण और 5जी तक का जिक्र किया। अपने सम्बोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हिंदुस्तान का कोई कोना, कोई काल ऐसा नहीं था, जब देशवासियों ने सैंकड़ों सालों तक गुलामी के खिलाफ जंग न की हो, जीवन न खपाया हो, यातनाएं न झेली हो, आहुति न दी हो। आज हम सब देशवासियों के लिए ऐसे हर महापुरुष को, हर त्यागी और बलिदानी को नमन करने का अवसर है।  पीएम मोदी ने कहा कि ये देश का सौभाग्य रहा है कि आजादी की जंग के कई रूप रहे हैं। उसमें एक रूप वो भी था जिसमें नारायण गुरु हो, स्वामी विवेकानंद हों, महर्षि अरविंदो हों, गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर हों, ऐसे अनेक महापुरूष हिंदुस्तान के हर कोने में भारत की चेतना को जगाते रहे। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश कृतज्ञ है मंगल पांडे, तात्या टोपे, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, चंद्रशेखर आज़ाद, असफाक उल्ला खां, राम प्रसाद बिस्मिल ऐसे अनगिनत ऐसे हमारे क्रांति वीरों ने अंग्रेजों की हुकूमत की नींव हिला दी थी।  पीएम मोदी ने कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है। मदर ऑफ डेमोक्रेसी है। जिनके ज़हन में लोकतंत्र होता है वे जब संकल्प करके चल पड़ते हैं वो सामर्थ्य दुनिया की बड़ी बड़ी सल्तनतों के लिए भी संकट का काल लेकर आती है ये मदर ऑफ डेमोक्रेसी है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आने वाले 25 साल के लिए हमें पंच-प्राण पर अपनी शक्ति, संकल्पों, सामर्थ्य को केंद्रित करनी होगी। हमें 2047 तक आजादी के दीवानों के संकल्प को पूरा करने का जिम्मा उठा कर चलना होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे भारत ने सिद्ध कर दिया कि हमारे पास ये अनमोल सामर्थ्य है। 75 साल की यात्रा में आशाएं, अपेक्षाएं, उतार-चढ़ाव सब के बीच हर एक के प्रयास से हम यहां तक पहुंच पाए। आज़ादी के बाद जन्मा मैं पहला व्यक्ति था जिसे लाल किले से देशवासियों का गौरव गान करने का अवसर मिला। पीएम मोदी ने कहा कि हिंदुस्तान के हर कोने में उन सभी महापुरुषों को याद करने का प्रयास किया गया, जिनको किसी न किसी कारणवश इतिहास में जगह न मिली, या उनकों भुला दिया गया था। आज देश ने खोज खोज कर ऐसे वीरों, महापुरुषों, बलिदानियों, सत्याग्रहियों को याद किया, नमन किया।  प्रधानमंत्री ने कहा कि अमृतकाल का पहला प्रभात आकांक्षी सोसायटी, आकांक्षी जन-मन की आकांक्षा को पूरा करने का सुनहरा अवसर है। हमारे देश के भीतर कितना बड़ा सामर्थ्य है, एक तिरंगे झंडे ने दिखा दिया है।

जय जवान,जय किसान को बढ़ाया आगे:

पीएम मोदी ने आज के भाषण में जय जवान-जय किसान वाले नारे को एक नया रूप दिया. उन्होंने कहा, ”जय जवान, जय किसान का लाल बहादुर शास्त्री जी का मंत्र आज भी देश के लिए प्रेरणा है। अटल जी ने जय विज्ञान कह कर उसमें एक कड़ी जोड़ दी थी लेकिन अब अमृत काल के लिए एक और अनिवार्यता है, वो है जय अनुसंधान। जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान, जय अनुसंधान।’

पंच प्राण का किया जिक्र:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगले 25 साल की यात्रा को देश के लिए ‘अत्यंत महत्वपूर्ण’ करार दिया और इस ‘अमृत काल’ में विकसित भारत, गुलामी की हर सोच से मुक्ति, विरासत पर गर्व, एकता और एकजुटता और नागरिकों द्वारा अपने कर्तव्य पालन के ‘पंच प्राण’ का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हमें पंच प्राण को लेकर 2047 तक चलना है, जब आजादी के 100 साल होंगे, आजादी के दीवानों के सारे सपने पूरा करने का जिम्मा उठा करके चलना है।’’ पीएम मोदी ‘विकसित भारत’ को पहला प्राण बताया और कहा कि इससे कुछ कम नहीं होना चाहिए। पीएम मोदी ने गुलामी की हर सोच से मुक्ति पाने को दूसरा प्राण बताया और कहा कि गुलामी का एक भी अंश अगर अब भी है, तो उसको किसी भी हालत में बचने नहीं देना है. उन्होंने कहा कि इस सोच ने कई विकृतियां पैदा कर रखी है, इसलिए गुलामी की सोच से मुक्ति पानी ही होगी। प्रधानमंत्री ने विरासत पर गर्व करने को तीसरा प्राण बताया और कहा कि यही वह विरासत है जिसने भारत को स्वर्णिम काल दिया है. उन्होंने एकता और एकजुटता को चौथा प्राण और नागरिकों के कर्तव्य को पांचवां प्राण बताया।

भारत का अमृत काल: 

भारत 1947 में आजाद हुआ था और उसने 2022 में आजाद देश के रूप में 75 साल की यात्रा पूरी कर ली है। पीएम मोदी ने अगले 25 साल के कालखंड को ‘अमृत काल’ का नाम दिया गया है। मोदी ने कहा कि आज विश्व भारत की तरफ गर्व से देख रहा है और उसे अपेक्षा से देख रहा है तथा समस्याओं का समाधान भारत की धरती पर खोजने लगा है। विश्व की सोच में यह परिवर्तन भारत की 75 साल की यात्रा का परिणाम है। 

कोरोना का भी किया जिक्र:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में साथ आने के लिये देश के नागरिकों की सराहना करते हुए कहा कि भारत ने समयबद्ध तरीके से लोगों को कोविडरोधी टीके की 200 करोड़ खुराक देने का रिकार्ड बनाया है जो किसी अन्य देश के लिये संभव नहीं हो सका। कोविड-19 साझी जागरुकता का एक और उदाहरण है जिसके लिये हमारे नागरिक साथ आए। डाक्टरों को शोध के लिये समर्थन देने से लेकर सुदूर क्षेत्रों तक टीका पहुंचाने में हम साथ खड़े रहे. देश के नागरिक कोरोना योद्धाओं के साथ खड़े रहे और थाली बजाने और दीया-लाइट जलाने जैसे कदमों से इसे प्रदर्शित भी किया। मोदी ने कहा, ‘‘कोरोना के कालखंड में दुनिया वैक्सीन लेने या न लेने की उलझन में जी रही थी। उस समय हमारे देश के लोगों ने 200 करोड़ खुराक लेकर दुनिया को चौंका देने वाला काम करके दिखाया। 

आकाश से पाताल तक की बात:

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मैं युवाओं से देश के विकास के लिए अपने जीवन के अगले 25 वर्ष समर्पित करने का आग्रह करता हूं, हम मानवता के पूर्ण विकास के लिए काम करेंगे। हमारा प्रयास है कि देश के युवाओं को असीम अंतरिक्ष से लेकर समंदर की गहराई तक अनुसंधान के लिए भरपूर मदद मिले, इसलिए हम अंतरिक्ष मिशन, गहरे समुद्र से जुड़े मिशन का विस्तार कर रहे हैं। अंतरिक्ष और समंदर की गहराई में ही हमारे भविष्य के लिए जरूरी समाधान हैं।’’

सियासी तंज से भी नहीं चूके:

पीएम मोदी ने कहा कि देश के सामने दो बड़ी चुनौतियां हैं। पहली चुनौती है भ्रष्टाचार और दूसरी चुनौती है भाई-भतीजावाद…परिवारवाद. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘भारत जैसे लोकतंत्र में जहां लोग गरीबी से जूझ रहे हैं, तब यह दृश्य देखने को मिलते हैं कि एक तरफ वे लोग हैं जिनके पास रहने के लिए जगह नहीं है, दूसरी तरफ वे लोग हैं, जिनके पास अपना चोरी किया हुआ माल रखने के लिए जगह नहीं है. यह स्थिति अच्छी नहीं है, इसलिए हमें भ्रष्टाचार के खिलाफ पूरी ताकत से लड़ना है।’’ भाई-भतीजावाद पर पीएम ने कहा कि राजनीति क्षेत्र की इस बुराई ने हिंदुस्तान की हर संस्था में परिवारवाद कुपोषित कर दिया है। हिंदुस्तान की राजनीति के शुद्धिकरण के लिए भी और सभी संस्थाओं के शुद्धिकरण के लिए भी… इस परिवारवादी मानसिकता से मुक्ति दिलानी होगी। 

5जी से होगा डिजिटल इंडिया का सपना पूरा:

पीएम ने कहा कि अब हम 5जी को ओर कदम रख रहे हैं। बहुत इंतजार नहीं करना है. हम ऑप्टिकल फाइबर गांव-गांव में पहुंचा रहे हैं, डिजिटल इंडिया का सपना गांव से गुजरेगा, ये मुझे पूरी जानकारी है। हिंदुस्तान के चार लाख कॉमन सर्विस सेंटर गांवों में विकसित हो रहे हैं। गांव क्षेत्र में चार लाख डिजिटल आंत्रप्रेन्योर तैयार होने पर देश गर्व कर सकता है। सेमी कंडक्टर की ओर हम कदम बढ़ा रहे हैं। 5जी की ओर कदम बढ़ा रहे हैं, ऑप्टिकल फाइबर का नेटवर्क बिछा रहे हैं। ये सिर्फ आधुनिकता की पहचान है, ऐसा नहीं है। तीन बड़ी ताकत इसके अंदर समाई हुई हैं। शिक्षा में आमूलचूल क्रांति डिजिटल से आने वाली है। स्वास्थ्य सेवाओं में आमूलचूल क्रांति डिजिटल से आने वाली है। किसी जीवन में बहुत बड़ा बदलाव, ये डिजिटल से आने वाला है। एक नया विश्व तैयार हो रहा है।

आत्मनिर्भर भारत पर दिया जोर:

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब हमारा ब्रह्मोस दुनिया में जाता है तो कौन हिंदुस्तानी नहीं होगा, जिसका मन आसमान को न छूता हो। हमारी बंदे भारत ट्रेन विश्व के लिए आकर्षण है। हमें आत्मनिर्भर बनना है। हम कब तक एनर्जी सेक्टर में किसी और पर निर्भर रहेंगे.. सोलर का क्षेत्र, विंड एनर्जी का क्षेत्र, मिशन हाइड्रोजन, बायो फ्यूल की कोशिश, इलेक्ट्रिक व्हीकल पर जाने की बात हो, हम आत्मनिर्भर बनकर इन व्यवस्थाओं को आगे बढ़ाना होगा। प्राकृतिक खेती भी आत्मनिर्भरता का मार्ग है। नैनो फर्टिलाइजर का कारखाने नई आशा लेकर आए हैं। आज ग्रीन जॉब के क्षेत्र तेजी से खुल रहे हैं। प्राइवेट सेक्टर से भी आह्वान करता हूं कि हमें विश्व में छा जाना है।

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