Morbi Cable Bridge Collapse : गुजरात में लगभग 140 साल पुराना पुल टूटने से बड़ा हादसा

:- CM पटेल मोरबी सिविल अस्पताल पहुंचे, जहां घायल हुए मरीजों का हालचाल जाना

:- लगभग दो करोड़ की लागत से की गई थी मरम्मत

:- इसे हाल ही में मरम्मत के बाद पर्यटकों के लिए खोला गया था

मोरबीः गुजरात (Gujarat) के मोरबी (Morbi) जिले में माच्छू नदी (Machchhua river) पर बना लगभग 140 साल पुराना केबल पुल (Suspension bridge) रविवार की शाम तकरीबन 6:30 बजे अचानक टूट कर नदी में गिर गया। इस हादसे में पुल पर खड़े सैकड़ों लोग नदी में गिर गए। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस हादसे में लगभग 77 लोगों के मरने की खबर है, जबकि 100  लोग घायल बताए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि हादसे के वक्त पुल पर उसकी क्षमता से ज्यादा लोग खड़े थे। हादसे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसपर अफसोस जताया है और इसमें मरने वालों के परिजनों को 4 लाख और घायलों को 50 हजार की माली मदद देने का ऐलान किया है। हादसे के कारणों की जांच के लिए 5 सदस्यीय SIT बनाई गई है।

मरम्मत के लिए 5 दिन पहले ही आम लोगों के लिए खोला गया था पुल

यहां हम आपको बता दें कि यह पुल पिछले 6 महीने से बंद था। हाल ही में करीब 2 करोड़ रुपए की लागत से इसके मरम्मत का काम पूरा किया गया था। दिवाली के एक दिन बाद यानी 25 अक्टूबर को इसे आम लोगों के लिए खोला गया था। जिला प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर (02822243300) जारी किया है। इसके अलावा घायलों के इलाज के लिए मोरबी और राजकोट हॉस्पिटल में इमरजेंसी वार्ड बनाया गया हैगुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल घटनास्थल पर पहुंचे।

रेस्क्यू के लिए SDRF और NDRF की टीमें मौजूद


घटनास्थल पर रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए SDRF और NDRF की टीमें मौके पर मौजूद हैं। इसके अलावा ​​​​कच्छ और राजकोट से तैराकों और दमकल की 7 टीमें रवाना की गई हैं। कंट्रोल रूम और हेल्प लाइन नंबर (02822243300) भी जारी किए गए हैं। CM भूपेंद्र पटेल खुद मोरबी स्थिति का जायजा लेने पहुंच रहे हैं।

1880 में तैयार हुआ था पुल 
गौरतलब है कि इस ब्रिज का उद्घाटन 20 फरवरी, 1879 को मुंबई के गवर्नर श्री रिचर्ड टेम्पल ने किया था। यह उस वक्त यह पुल लगभग 3.5 लाख की लागत से बनकर 1880 में तैयार हुआ था। यह पुल दरबारगढ़ को नजरबाग से जोड़ने के लिए बनाया गया था और इसमें लगने वाले कलपुर्जे इंगलैंड से मंगवाए गए थे। हाल ही में इसकी मरम्मत की गई थी, जिसपर लगभग 2 करोड़ की लागत आई थी। मगर मरम्मत के 5 दिन बाद ही पुल टूटने की इस घटना ने कई सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं।