शिंदे ग्रुप को राहत,अगली सुनवाई 11 जुलाई को

सियासत का सुप्रीम तूफान 11 तक थमा
सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों को जारी किया नोटिस

महाराष्ट्र:-महाराष्ट्र के सियासी तूफान के बीच सरकार में मंत्री और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे और 15 अन्य बागी विधायकों सुप्रीम कोर्ट से कुछ राहत मिल गई है। दरअसल इन सभी ने अयोग्यता नोटिस के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी जिस पर आज सुनवाई हुई। अब सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी। सुप्रीम कोर्ट ने साथ ही डिप्टी स्पीकर की तरफ से विधायकों को जवाब देने के लिए दिया गया समय 11 जुलाई शाम 5.30 तक के लिए बढ़ा दिया है। कोर्ट में एकनाथ शिंदे गुट के वकील नीरज कौल ने दलील रखते हुए कहा कि स्पीकर के खिलाफ प्रस्ताव लंबित हो तो उन्हें विधायकों की अयोग्यता पर विचार नहीं करना चाहिए। नोटिस जारी करें तो उसके जवाब के लिए पर्याप्त समय देना चाहिए। बता दें कि डिप्टी स्पीकर ने शिवसेना के 16 बागी विधायकों को नोटिस जारी कर आज शाम तक जवाब मांगा था। इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को लेकर महाराष्ट्र के डिप्टी स्पीकर, महाराष्ट्र राज्य विधानसभा के सचिव, केंद्र और अन्य को नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना नेता अजय चौधरी, सुनील प्रभु को भी नोटिस जारी कर पांच दिनों के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है।

कोर्ट के सामने रखी धमकी की बात:

फ़ाइल फ़ोटो


सुनवाई के दौरान शिंदे के वकील नीरज किशन कौल ने कोर्ट को बताया कि जो लोग अल्पमत में हैं, उन्होंने व्यवस्था पर कब्जा कर रखा है। हमें जान की धमकी दी जा रही है। हमारी लाश लौटेगी, जैसी बातें कही जा रही हैं। जिस स्पीकर को बहुमत का समर्थन हो, वह फ्लोर टेस्ट से क्यों डरेगा? दरअसल सुनवाई के दौरान जस्टिस ने पूछा कि आप हाईकोर्ट क्यों नहीं गए तो शिंदे के वकील ने कहा कि कानून हमें सुप्रीम कोर्ट आने से नहीं रोकता। पहले भी ऐसे मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिए हैं।

इसलिए आना पड़ा सुप्रीम कोर्ट:

गौरतलब है कि शिवसेना के अनुरोध पर डिप्टी स्पीकर ने शिंदे और अन्य 15 बागी विधायकों को नोटिस जारी किया था और 27 जून शाम तक जवाब दाखिल करने को कहा था। शिवसेना ने 16 बागी विधायकों को निलंबित करने का डिप्टी स्पीकर से अनुरोध किया था। इस नोटिस को लेकर एकनाथ शिंदे और 15 अन्य बागी विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

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