Ruckus between BJP and AAP over Rohingya : रोहिंग्या पर भाजपा और आप में घमासान

गृह मंत्रालय ने बयान जारी कर साफ की केन्द्र सरकार की नीति

नई दिल्ली:- दिल्ली में रोहिंग्या शरणार्थियों को लेकर भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी आमने सामने आ गए। दोनों ही पार्टी के नेताओं ने एक दूसरे पर सवाल उठाने शुरू कर दिए। माहौल बिगड़ता देख शाम को आनन फानन में भाजपा को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी नीतियों पर सफाई देनी पड़ी। 

दरअसल मामला तब चर्चा में आया,जब मोदी सरकार के केन्द्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने रोहिंग्या शरणार्थियों को लेकर सुबह एक ट्वीट किया। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि 

“भारत ने देश में शरण मांगने वालों का हमेशा स्वागत किया है। एक ऐतिहासिक फैसले के तहत सभी रोहिंग्या शरणार्थियों को दिल्ली के बकरवाला इलाके में EWS फ्लैट्स में शिफ्ट किया जाएगा। उन्हें बुनियादी सुविधाएं, UNHCR के पहचान पत्र और चौबीस घंटे पुलिस सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी।” हरदीप पुरी ने अपने इस ट्वीट में प्रधानमंत्री कार्यालय को टैग भी किया था। उन्होंने इसी सिलसिले में किए गए अपने अगले ट्वीट में केंद्र सरकार की तारीफ करते हुए लिखा, “जिन लोगों ने शरणार्थियों के बारे में भारत की नीति के बारे में गलत बातें फैलाने को अपना करियर बना लिया है और जानबूझकर इसे CAA से जोड़ते रहते हैं, उन्हें इससे निराशा होगी। भारत 1951 के संयुक्त राष्ट्र रिफ्यूजी कनवेन्शन का सम्मान करते हुए उसका पालन करता है और सभी नस्ल, धर्म या जातीय भेदभाव के बिना सभी को शरण देता है।”

आप ने साधा निशाना:

केंद्रीय मंत्री का ट्वीट सामने आने के बाद तो मानो आम आदमी पार्टी को मोदी सरकार पर तीखा हमला करने का मौका मिल गया। आप के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने हरदीप पुरी का ट्वीट सामने आने के कुछ ही देर बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बीजेपी पर आरोपों की बौछार कर दी। आम आदमी पार्टी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर भारद्वाज के प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिए बयान को शेयर करते हुए लिखा, “देश के ख़िलाफ़ BJP का सबसे बड़ा षड्यंत्र‼️ केंद्रीय मंत्री Hardeep Puri ने किया ट्वीट- Modi Govt Rohingya को EWS Flat में बसाएगी। सभी सुविधाओं समेत Police Protection देगी। हो सकता है अब ये Tweet Delete हो जाए। BJP पूरी तरह Exposed; ये देश की सुरक्षा को ख़तरा”

गृह मंत्रालय को करना पड़ा खंडन:

मोदी सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री के ट्वीट ने देखते ही देखते तूल पकड़ लिया और आप नेताओं के सवालों पर सोशल मीडिया यूजर्स ने भी प्रतिक्रियाएं देनी शुरू कर दीं। इसके बाद हालात ये बने कि  गृह मंत्रालय को कुछ ही घंटे बाद उसका खंडन जारी करना पड़ा। गृह मंत्रालय ने दोपहर किए गए ट्वीट में पुरी के बयान का खंडन करते हुए लिखा कि

 “अवैध रोहिंग्या विदेशी नागरिकों के बारे में मीडिया के कुछ हिस्सों में आई खबरों के बारें यह स्पष्ट किया जाता है कि गृह मंत्रालय ने अवैध रोहिंग्या घुसपैठियों को नई दिल्ली के बक्करवाला में EWS फ्लैट मुहैया कराने का कोई निर्देश नहीं दिया है।”

गृह मंत्रालय ने आगे यह भी लिखा कि

 “दिल्ली सरकार ने रोहिंग्याओं को एक नई जगह पर शिफ्ट करने का प्रस्ताव दिया था। लेकिन गृह मंत्रालय ने उन्हें निर्देश दिया है कि अवैध रोहिंग्या विदेशियों को उनकी मौजूदा जगह पर ही रखा जाए, क्योंकि गृह मंत्रालय उन्हें डिपोर्ट करने के बारे में संबंधित देश से विदेश मंत्रालय के जरिए बात कर रहा है।”

गृह मंत्रालय ने दिल्ली सरकार को दिए निर्देश:

गृह मंत्रालय का कहना है कि उसने दिल्ली राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वो रोहिंग्या शरणार्थियों की रिहाइश वाली मौजूदा जगह को डिटेन्शन सेंटर घोषित करें। इस सिलसिले में किए गए एक ट्वीट में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है, “अवैध विदेशी नागरिकों को उनके देश वापस भेजे जाने तक कानून के मुताबिक डिटेंशन सेंटर में रखा जाना है। दिल्ली सरकार ने अब तक मौजूदा लोकेशन को डिटेंशन सेंटर घोषित नहीं किया है। उन्हें फौरन ऐसा करने का निर्देश दिया गया है।”

झुग्गियां जलने के बाद तम्बुओं में रह रहे रोहिंग्या:

ज्ञात हो कि रोहिंग्या रिफ्यूजी दिल्ली के मदनपुर खादर और कालिंदी कुंज इलाके में पिछले एक दशक से रह रहे हैं। 2018 और 2021 में आग लगने से वे झुग्गियां या घर जल गए थे, जिनमें वे रह रहे थे। उसके बाद से ही दिल्ली राज्य सरकार की तरफ से मुहैया कराए गए तंबुओं में रह रहे हैं।

अभी बढ़ सकता है विवाद:

गृह मंत्रालय द्वारा गेंद वापस दिल्ली सरकार के पाले में डाल देने से मामला नरम होता नहीं दिखाई दे रहा। अब आप नेताओं ने केंद्र सरकार पर और भी तीखे प्रश्न उठाने शुरू कर दिए हैं। जाहिर है रोहिंग्या शरणार्थियों के मुद्दे पर केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला अभी और बढ़ सकता है।

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