कल ही है पुत्रदा एकादशी का भी व्रत
नई दिल्ली:- महादेव की भक्ति वाला उनका प्रिय सावन का महीना और उसके सोमवार हिन्दू मान्यता के अनुसार बहुत ही शुभ होते हैं। सोमवार भगवान शिव की पूजा के लिए सबसे उपयुक्त माना गया है। लेकिन ये सोमवार (8अगस्त) बेहद खास है। एक तो ये सावन मास 2022 का आखिरी सोमवार है,दूसरे इस दिन अभिजीत मुहूर्त भी बहुत ही शुभ फलदायी माना जा रहा है। ज्योतिष विद्वानों की माने तो इस मुहूर्त में महादेव की पूजा करने से समस्त पापों से मुक्ति मिल जाती है। इतना ही नहीं ये सोमवार एक और कारण से भी महत्वपूर्ण हो जाता है। क्योंकि कल ही पुत्रदा एकादशी का भी व्रत होने से कल के दिन का पुण्य फल अन्य दिनों की तुलना में सहस्र गुना अधिक हो जाता है।
ये हैं अभिजीत मुहूर्त:
पौराणिक मान्यता के अनुसार शुभ और मांगलिक कार्यों को करने के लिए अभिजीत मुहूर्त को उत्तम माना गया है। 8 अगस्त 2022 को अभिजीत मुहूर्त प्रात: 11 बजकर 59 मिनट से दोपहर 12 बजकर 53 मिनट तक रहेगा।
पुत्रदा एकादशी इसलिए है खास:
आखिरी सोमवार को श्रावण यानि सावन की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है। इस एकादशी को पुत्रदा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन संतान के लिए व्रत रखकर भगवान विष्णु से उन्नति, संपन्नता की कामना की जाती है। कल के दिन भगवान शिव के साथ साथ विष्णु जी की भी पूजा का उत्तम संयोग बना है।
मात्र इसी विधि से हो जाएंगे महादेव प्रसन्न:
आचार्य धर्मेश महाराज बताते हैं कि शिव सभी दुखों को हरने वाले हैं, यही कारण है कि उनके लिए हर हर महादेव कहा जाता है। सावन सोमवान में जो लोग विधि और श्रद्धाभाव से व्रत-पूजा करते हैं, भगवान भोलेनाथ उनके कष्टों को अवश्य ही दूर करते हैं। सावन का संपूर्ण महीना भगवान शिव को समर्पित है। भगवान भोलेनाथ सबसे जल्द प्रसन्न होने वाले देवता माने जाते हैं। मान्यता है कि भगवान शिव को जल मात्र के अभिषेक से भी प्रसन्न किया जा सकता है। इस दिन सच्चे मन से जल में गंगाजल की कुछ बूंदे मिलाकर अभिजीत मुहूर्त में भगवान शिव का जलाभिषेक कर सकते हैं।
जलाभिषेक के समय करें इस मंत्र का जाप
ओम नमः शिवाय