स्पाइसजेट को हाई कोर्ट से मिली राहत

उड़ानों के संचालन को रोकने की मांग वाली याचिका खारिज

नई दिल्ली:- पिछले कुछ समय में अपनी सेवाओं में आईं कई दिक्कतों के बाद चर्चा में बनी विमानन सेवा कम्पनी स्पाइसजेट को राहत देते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को  कंपनी के उड़ान संचालन को रोकने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया। याचिका स्पाइसजेट की उड़ानों में तकनीकी खराबी की कई घटनाओं के बाद आई है। हाई कोर्ट ने कहा कि डीजीसीए ऐसे मुद्दों को देखने और उचित समझे जाने वाले किसी भी निर्णय को लेने के लिए सक्षम प्राधिकारी है। 

कोर्ट ने कहा कि डीजीसीए बहुत काम कर रहा है और याचिकाकर्ता द्वारा मांगी गई राहत देने का कोई कारण नहीं है। अदालत एक जनहित याचिका और प्रेस क्लिपिंग के आधार पर किसी विशेष एयरलाइन को देश में संचालित करने से नहीं रोक सकती है। बता दें कि याचिकाकर्ता राहुल भारद्वाज ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय, डीजीसीए और अन्य को एक विशेष फास्ट ट्रैक आयोग गठित करने के लिए निर्देश जारी करने की मांग की। मांग में कहा गया कि सभी सुरक्षा उपायों का पालन नहीं होने तक स्पाइसजेट को उड़ान भरने से रोका जाए। इसके लिए उन्होंने स्पाइसजेट की उड़ानों के साथ हुई हालिया घटनाओं का हवाला दिया। 

डीजीसीए ने जारी किया था नोटिस:

गौरतलब है कि विमानन नियामक नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने छह जुलाई को स्पाइसजेट को पिछले 18 दिनों में आठ खराबी की घटनाओं के संबंध में कारण बताओ नोटिस जारी किया था। डीजीसीए ने कहा कि स्पाइसजेट विमान नियम 1937 के तहत सुरक्षित, कुशल और विश्वसनीय हवाई सेवाएं स्थापित करने में विफल रही है। 

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