Uttar Pradesh : यूपी में जबरन रिटायर किए जाएंगे राज्य कर्मचारी

:- योगी सरकार के फैसले के बाद कर्मचारियों में हड़कंप


उत्तरप्रदेश :- उत्तरप्रदेश सरकार सरकारी विभागों में कार्यरत 50 साल से अधिक उम्र वालों को जबरन रिटायर करने जा रही है। ऐसे कर्मचारी जो भ्रष्टाचार, गंभीर बीमारी, काम न करने वाले और जांच में फंसे हैं उनके अनिवार्य रिटायरमेंट पर 31 जुलाई तक फैसला करना अनिवार्य कर दिया गया है। इसकी जानकारी 15 अगस्त तक कार्मिक विभाग को देनी होगी।

आदेश हुआ जारी:
इस बाबत मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने विभागाध्यक्षों को एक आदेश जारी किया जिसमें कहा गया है कि स्क्रीनिंग कमेटी 31 मार्च 2022 को 50 साल की आयु पूरी करने वालों के नामों पर विचार करेगी। यह आयु पूरी करने वाले किसी सरकारी सेवक के मामले में स्क्रीनिंग कमेटी के समक्ष प्रस्ताव रखकर यदि उसे सेवा में बनाए रखने का फैसला एक बार कर लिया जाता है, तो बार-बार स्क्रीनिंग कमेटी के समक्ष उसके नाम को पुन: रखने की जरूरत नहीं है। ऐसे कर्मचारी को सेवानिवृत्त की अवधि तक सेवा में बनाए रखा जाएगा।

इन्हें नहीं होगी कोई दिक्कत:
:- ऐसे कर्मचारी जो जिस पद पर है उसके लिए उपयोगी हैं।
:- जिनका प्रदर्शन बेहतर है।
:- जो अपने काम को पूरी निष्ठा से कर रहे हैं।
:- जिन कर्मचारियों पर कोई भ्रष्टाचार का आरोप नहीं है।
:- जिस कर्मचारी पर कोई जांच न चल रही हो।

दिल्ली में भी हो चुका है समिति का गठन:
यूपी ही नहीं दिल्ली सरकार में निष्क्रिय सरकारी कर्मचारी समय से पहले जबरन सेवानिवृत्त किए जाएंगे। उपराज्यपाल के निर्देश के बाद दिल्ली सरकार के ऐसे कर्मचारियों और अधिकारियों के कामकाज की समय-समय पर समीक्षा रिपोर्ट देने के लिए एक पांच सदस्यीय समिति का गठन भी किया गया है।

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