डिप्टी सीएम सहित कई कद्दावर मंत्रियों के इलाकों में हारी आप
नई दिल्ली:-
दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) ने 134 सीटों पर जीत दर्ज की है, वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 104 सीट और कांग्रेस ने 9 सीटों पर जीत हासिल की है। तीन सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों को जीत मिली है। आम आदमी पार्टी के लिए भले ही ये शानदार जीत जश्न का जरिया हो ,लेकिन केजरीवाल के सबसे खासमखास मंत्रियों के इलाकों में पार्टी की हार ने जनता का मूड भी साफ कर दिया है। आप की ये हार इस बात का संकेत है कि भ्रष्टाचार या किसी भी प्रकार का आरोप लगने पर जनता किसी भी नेता है पार्टी को जवाब देने में परहेज नहीं करेगी। फिर चाहे वो दिल्ली सरकार के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया हों या फिर कोई अन्य कद्दावर नेता। ज्ञात हो कि मनीष सिसोदिया के खिलाफ दिल्ली की आबकारी नीति में भ्रष्टाचार का आरोप लगा, वहीं सतेंद्र जैन इस वक्त जेल में है। इसके अलावा बस खरीद घोटाले के मामले में घिरे कैलाश गहलोत के इलाके में भी आप को बड़ा नुकसान हुआ है। तीनों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियां जांच कर रही हैं।
मनीष सिसोदिया:
यदि बात मनीष सिसोदिया की हो तो ये बात जगजाहिर है कि सिसोदिया केंद्रीय एजेंसियों के रडार पर रहे, वहीं बीजेपी उनके खिलाफ लगातार हमलावर रही है। मनीष सिसोदिया की विधानसभा पटपड़गंज में आप को तगड़ा झटका लगा है। 4 सीटों में से चारों में से 3 पर आप को हार मिली है। बीजेपी ने यहां 3 सीटें जीती हैं।
सतेंद्र जैन:
सत्येंद्र जैन पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है और वो इस वक्त तिहाड़ जेल में बंद हैं।सतेंद्र जैन के जेल के कई वीडियो को लेकर आप और बीजेपी के बीच चुनावी प्रचार में सियासी तकरार भी देखने को मिली। सतेंद्र जैन पर आय से अधिक संपत्ति का आरोप है। सतेंद्र जैन के शकूरबस्ती में कुल 3 वार्ड हैं, जहां आप का सूपड़ा साफ हुआ है। यहां तीनों ही सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की है।
कैलाश गहलोत:
कैलाश गहलोत पर आप सरकार में रहने के दौरान दाग लगा। कैलाश गहलोत पर आरोप है कि उनके परिवहन मंत्री रहने के दौरान बस घोटाला हुआ, मामले की जांच जारी है। कैलाश गहलोत के नजफगढ़ में कुल चार वार्ड हैं। यहां भी आप को झटका लगा है और पार्टी एक भी सीट जीत नहीं पाई है। कुल 4 में 3 पर बीजेपी को जीत मिली है, वहीं 1 सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार ने चुनाव जीता है।