मजबूत लोकतंत्र के लिए सामाजिक न्याय की अवधारणा बेहद जरूरी: डीपी यादव

नई दिल्ली:

पूर्व मंत्री डीपी यादव ने कहा कि सामाजिक न्याय की अवधारणा देश के लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी से लेकर डॉ. राममनोहर लोहिया तक सभी महान नेताओं ने सामाजिक न्याय और समरसता को प्राथमिकता दी थी। वर्तमान समय में समाज में सामाजिक न्याय की कमी के कारण विभिन्न प्रकार की असमानताएं और भिन्नताएं देखने को मिल रही हैं।

ऐसे में लोकतंत्र को सशक्त बनाने के लिए सामाजिक न्याय को महत्व देना अनिवार्य है। यह बातें डीपी यादव ने नई दिल्ली स्थित अपने कार्यालय में कही। इस मौके पर सामाजिक न्याय फोरम के वरिष्ठ वकील और पदाधिकारी उनसे मिलने पहुंचे थे। फोरम ने आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए एक विशेष कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया है और इस कार्यक्रम में डीपी यादव को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया है।

फोरम के सदस्यों ने बताया कि वे आगामी चुनाव में समाज को सही दिशा और दशा देने के उद्देश्य से अपने प्रत्याशी उतारने की योजना बना रहे हैं। इस कार्यक्रम में डीपी यादव का समर्थन और मार्गदर्शन महत्वपूर्ण रहेगा।

पूर्व मंत्री और प्रसिद्ध कारोबारी डीपी यादव ने सभी वर्गों को साथ लेकर चलने का संदेश

डीपी यादव ने फोरम के प्रयासों की सराहना की और कहा, “समाज का अर्थ है सभी वर्गों को साथ लेकर चलना। जब कोई भी व्यक्ति समाज के हर वर्ग के उत्थान और प्रगति के लिए काम करता है, तो उसे सदैव समर्थन मिलना चाहिए।” उन्होंने आगे कहा कि ऐसे प्रयास लोकतंत्र को सशक्त और समतामूलक बनाने में सहायक होते हैं।

कोईसामाजिक न्याय की दिशा में फोरम की पहल

फोरम के महेंद्र सिंह आर्य, नरेंद्र चौधरी और अन्य पदाधिकारी भी इस मौके पर उपस्थित थे। उन्होंने बताया कि उनका उद्देश्य समाज के सभी वर्गों को बराबरी का अधिकार दिलाना और असमानता को समाप्त करना है। फोरम ने इस दिशा में कई कदम उठाने की योजना बनाई है, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के क्षेत्र में सुधार की पहल शामिल है।

इस दौरान डीपी यादव ने कहा कि सामाजिक न्याय फोरम की पहल समाज में समानता और समरसता स्थापित करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। यह न केवल लोकतंत्र को मजबूत बनाएगा, बल्कि समाज के सभी वर्गों को एक समान अवसर प्रदान करने का मार्ग प्रशस्त करेगा