जेल में प्रताड़ना से बचने के लिए महाठग ने अधिकारियों को दी 12 करोड़ की रिश्वत


सुप्रीम कोर्ट ने पूंछे सबके नाम


नई दिल्ली:- दिल्ली के कुछ जेलकर्मियों व अधिकारियों की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रहीं। जेल में बंद महाठग सुकेश चंद्रशेखर को सुविधाएं मुहैया कराने के एवज में करोडों की रिश्वत की बंदरबांट में उस वक़्त एक नया मोड़ आ गया,जब स्वयं सुकेश चंद्रशेखर ने दावा किया कि उसने तिहाड़ जेल के अधिकारियों को 12 करोड़ रुपए की रिश्वत दी है। इस बात को गम्भीरता से लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से अगली सुनवाई के दौरान सभी अधिकारियों का ब्योरा और नाम मांग लिए हैं।
सुप्रीम कोर्ट में महाठग के मामले की सुनवाई के दौरान सुकेश के इस कबूलनामे के सामने आते ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी इस बात की पुष्टि की है। जांच एजेंसी का कहना है कि यह पैसे खुद को प्रताड़ित होने से बचाने और जेल के अंदर से अपना सिंडिकेट चलाने की एवज में दिए गए।
रिश्वत के मामले को गम्भीरता से लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सुकेश से रिश्वत लेने वालों के नाम बताने को कहा है। साथ ही पूछा है कि उसने जेल में रहते हुए इतनी बड़ी रकम की व्यवस्था कैसे की। न्यायमूर्ति यू यू ललित, न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने कहा कि सुकेश को उन जेल अधिकारियों के नाम बताने चाहिए, जिन्हें उसने कथित तौर पर रिश्वत दी है। ठग ने खुद को दिल्ली से बाहर किसी जेल में शिफ्ट करने की मांग की है। फिलहाल इस मामले की अगली सुनवाई 26 जुलाई को होगी।

जेल में प्रताड़ना का आरोप:

सुकेश चंद्रशेखर


सुकेश की तरफ से कोर्ट में पेश हुए वरिष्ठ वकील आर बसंत ने कहा उनके मुवक्किल ने पैसे का भुगतान जरूर किया है लेकिन यह रिश्वत नहीं थी। उन्होंने कहा कि चंद्रशेखर को जेल अधिकारियों को भुगतान करने के लिए मजबूर किया गया क्योंकि उन्हें अपने जीवन को लेकर खतरा था और जेल के अंदर प्रताड़ित किया जा रहा था।

ईडी ने किया विरोध:


ईडी ने उनकी याचिका का विरोध करते हुए एक विस्तृत हलफनामा दायर किया और कहा कि चंद्रशेखर ने कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से तिहाड़ जेल के अंदर एक ऑफिस स्थापित किया था और वहां से जबरन वसूली का रैकेट चला रहा था। ईडी ने कहा, ‘सुकेश की तिहाड़ से बाहर किसी और जेल में स्थानांतरित करने की दलील इसलिए दी गई है क्योंकि वह इन्हीं कार्यों को वहां दोहराना और खामियों का फायदा उठाना चाहता है।

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