राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान ने आयोजित की कार्यशाला
जम्मू कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड के पहाड़ी उत्पादों पर उमड़े खरीददार
नोएडा:- सेक्टर 33ए नोएडा हॉट में आयोजित सरस मेले पर केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय पूरी तरह ध्यान केंद्रित किए हुए हैं। मेले में कहीं कोई चूक न हो इसके लिए राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज्य संस्थान (एनआईआरडीपीआर) के शोध अधिकारियों ने एक कार्यशाला का आयोजन किया। आयोजन में सभी राज्यों के 82 स्वयं सहायता समूहों ने प्रतिभाग किया, जिन्हें पैकेजिंग तथा डिजाइनिंग के विषय में जानकारी दी गई। नेशनल इंस्टीट्यूट आफ फैशन डिजाइनिंग की प्रोफेसर रितिका अग्रवाल ने सभी को बताया कि अपने ग्रामीण उत्पादों की किस प्रकार मौसम के हिसाब से पैकेजिंग तथा डिजाइनिंग की जाए, इस अवसर पर (एनआईआरडीपीआर) के सहायक निदेशक चिरंजी लाल कटारिया, शोध अधिकारी धर्मेंद्र सिंह, सुधीर कुमार सिंह तथा रामगोपाल उपस्थित रहे।
मेले के आठवें दिन देश के पहाड़ी उत्पादों की लोगों ने जमकर खरीदारी की। जम्मू कश्मीर कोलगांव के देवसर से यहां मुनाजा मजीद ने पंपोष स्वयं सहायता समूह का स्टॉल लगाया है। इनके उत्पादों में कश्मीरी साड़ी तथा सूट महिलाओं को खूब भा रहे है।ं वही कोंगपाश स्वयं सहायता समूह की शबनम रसीद के उत्पादों में आरी साल, निरल शॉल,कश्मीरी सूट तथा आरी के लॉन्ग जैकेट शामिल है।ं उधर रजौरी की शाइन के गौसिया स्वयं सहायता समूह के उत्पादों में शॅाल, सूट तथा कुशन शामिल हैं।
हिमाचल प्रदेश के शिव पार्वती स्वयं सहायता समूह के उत्पादों में हस्त निर्मित सेपू बडि़या, चावल का आटा, देसी हल्दी तथा पौष्टिक हलवा बनाने के लिए गेहूं का शीरा लोगों को खासा पसंद आ रहा है। समूह का संचालन निशा शर्मा करती हैं। हिमाचल में ही हमीरपुर के नदोन गांव के रीना चंदेल द्वारा संचालित न्यू आजीविका स्वयं सहायता समूह के उत्पादों में कच्चे पपीते के पेड़े, आंवला बर्फी, कद्दू की बर्फी, आंवला कैंडी, अचार तथा चटनी शामिल है। शिमला की आशु जय देवता जबल नारायण स्वयं सहायता समूह का संचालन करती हैं। इनके उत्पादों में एप्पल जूस, जैम, मुरब्बा, कैंडी, ड्राई एप्पल, शुगर फ्री लाल चावल तथा दाल लोगों की पसंद बन रही है। भूमंतर कुल्लू की तारा देवी ने बताया कि उनके किरण सहायता समूह के उत्पादों में राजमा, दाल तथा फ्रूट अचार की जमकर बिक्री हो रही है। जोटलू शिमला कि मंजू ठाकुर ने बताया कि वह शिवशक्ति स्वयं सहायता समूह का संचालन करती है। समूह के उत्पादों में गठिया लहसुन सर्वाधिक बिक रहा है। क्योंकि यह दवा का काम करता है। अन्य उत्पादों में दाल, यैलो राजमा, अनारदाना पहाड़ी गाय का घी तथा पानी की चक्की का पिसा मक्के का आटा शामिल है। कुल्लू की उषा शर्मा का पंचवीर सहायता समूह है, उनके उत्पादों में हिमाचली शॉल, जैकेट, स्वेटर तथा कैप शामिल है।
उत्तराखंड में लोहाघाट के प्रगति महिला ग्राम संगठन के उत्पादों में लोहे की कढ़ाई, फ्राईपेन, तवा एवं कृषि यंत्र शामिल हैं। देहरादून की कुसुम बाला अकेले ही गणेश स्वयं सहायता समूह चलाती हैं। इनके उत्पादों में जैविक खाद द्वारा निर्मित शुद्ध पहाड़ी दालें एवं मसाले लोगों को भा रहे हैं। पौड़ी गढ़वाल के न कोट का राइजिंग स्वयं सहायता समूह हर्बल चाय, पंच तुलसी तथा डिफरेंट फ्लेवर साल्ट का निर्माण करता है। समूह का संचालन रोशनी देवी करती हैं। इनके उत्पादों में चाय की बिक्री जोरों पर है। उधर दौहनिया नैनीताल की दमयंती बिष्ट ज्योति महिला स्वयं सहायता समूह का संचालन करती है। इनके उत्पादों में गोबर के खाद की पहाड़ी अदरक लोगों को सर्वाधिक पसंद आ रही है। जबकि अन्य उत्पादों में दाल, चावल, हाथ के कुटे मसाले, कच्ची हल्दी तथा रागी आटा शामिल है। सहसपुर देहरादून के जागृति स्वयं सहायता समूह के उत्पादों में पहाड़ी दाल, मसाले, बेसन, पहाड़ी नमक, मक्का का आटा तथा चावल के आटे के पापड़ लोगों की पसंद बन रहे हैं। समूह का संचालन अलका जोशी करती है।