फेस्टिवल सिटी वेलफेयर एसोसिएशन ने प्रेस वार्ता कर, बिल्डर व नोएडा अथॉरिटी पर लगाए गंभीर आरोप

नोएडा :- नोएडा में बिल्डर और निवेशकों के बीच विवाद का यह कोई पहला मामला नहीं है। नोएडा में कई ऐसी बिल्डर है जिन्होंने कई साल पहले फ्लैट देने के नाम पर निवेशकों से पैसे तो ले लिए परंतु अभी तक उन्हें कोई फ्लैट उपलब्ध नहीं करा पाए हैं

ऐसा ही एक मामला आनंद इनफोज,मिस्ट एवेन्यू रियल एस्टेट प्रोजेक्ट सेक्टर 43 से सामने आया है जहां खरीददार विगत 10 वर्षों से अपनी प्रॉपर्टी के लिए लड़ रहे हैं

नोएडा मीडिया क्लब में की गई प्रेस वार्ता

फेस्टिवल सिटी वेलफेयर एसोसिएशन ने नोएडा मीडिया क्लब में एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया और बताया कि 10 वर्षों से बिल्डर व नोएडा अथॉरिटी से अपनी प्रॉपर्टी के लिए लड़ रहे हैं पर उनकी कहीं सुनवाई नहीं हो रही साथ ही उन्होंने नोएडा अथॉरिटी के तत्कालीन अधिकारियों पर अनियमितताएं बरतने और धोखाधड़ी का आरोप लगा

कैग रिपोर्ट में अनियमितताएं बरतने की पुष्टि

कैग रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा गया कि केक की रिपोर्ट से साबित हो जाता है कि अधिकारियों द्वारा अनियमितताएं बरती गई थी इसका उल्लेख रेरा अपीलेट ट्रिब्यूनल के आदेश दिनांक 29/9/2020 मैं भी किया गया

यूपी रेरा पहले ही समाप्त कर चुकी है पंजीकरण

अनियमितताओं के चलते प्रोजेक्ट का फेस-1 का पंजीकरण यूपी रेरा ने 7 दिसंबर 2019 को निरस्त कर दिया था।

उत्तर प्रदेश शासन के निर्देश पर कार्य पूरा करने के लिए यूपी रेरा ने नोएडा अथॉरिटी को लिखा था पत्र

रेरा अपीलेट ट्रिब्यूनल के आदेश पर उत्तर प्रदेश शासन के निर्देशानुसार प्रोजेक्ट को पूर्ण करने के लिए धारा 4 के अंतर्गत यूपी रेरा ने नोएडा अथॉरिटी को पत्र लिखा था।किंतु फेस्टिवल फेस्टिवल फेस 1 नोएडा परियोजना को पूरा करने के लिए नोएडा अथॉरिटी द्वारा कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया गया। आवंटित प्लॉट के एक छोटे से हिस्से पर विवाद को आधार बनाकर कोई भी कार्यवाही करने से मना कर दिया जबकि आवंटित प्लॉट का विवादित हिस्सा फेस्टिवल सिटी फेस-1 में नहीं आ रहा है।

फेस्टिवल सिटी वेलफेयर एसोसिएशन की मांग

एसोसिएशन ने सरकार से सीबीआई जांच की मांग की और संबंधित अधिकारियों एवं फेस्टिवल सिटी प्रोजेक्ट के प्रमोटर्स ( आनंद इंफोएज प्राइवेट लिमिटेड, मिस्ट एवेन्यू प्राइवेट लिमिटेड, मिस्ट डायरेक्ट स्टील प्राइवेट लिमिटेड व नोएडा अथॉरिटी ) सभी के विरुद्ध सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए

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