Amity University : एमिटी में ‘‘एमिटी विश्वविद्यालय – रेखी फांउडेशन सेंटर फॉर साइंस ऑफ हैप्पीनेस” का शुभारंभ

नोएडा :- एमिटी इंटरनेशनल बिजनेस स्कूल के अंर्तगत आज ‘‘एमिटी विश्वविद्यालय – रेखी फांउडेशन सेंटर फॉर सांइस ऑफ हैप्पीनेस’’ की स्थापना की गई जिससे युवाओ को खुशी के साधनों से सशक्त बनाकर भविष्य के लिए सक्षम बनाया जा सके। इसके अतिरिक्त वैश्विक अकादमिक, कोरपोरेट और समुदाय को सीखने व प्रसन्नता प्रदान करने के लिए एक अंर्तराष्ट्रीय मंच प्रदान करना भी है। इस एमिटी विश्वविद्यालय – रेखी फांउडेशन सेंटर फॉर सांइस ऑफ हैप्पीनेस का शुभारंभ आर सिस्टमस इंटरनेशनल लिमिटेड के एमडी और सीईओ डा सतिंदर सिंह रेखी, एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश के चांसलर डा अतुल चौहान, एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला, और एमिटी विश्वविद्यालय के गु्रप वाइस चांसलर डा गुरिंदर सिह द्वारा किया गया।

एमिटी विश्वविद्यालय – रेखी फांउडेशन सेंटर फॉर सांइस ऑफ हैप्पीनेस का उददेश्य शोधकर्ताओं और जागरूक नागरिकों को काम और जीवन में सामूहिक प्रसन्न पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण के लिए प्रेरित करना है। छात्रों, कॉरपोरेटों और समुदाय को क्रेडिट आधारित पाठयक्रमों के माध्यम से खुशी की शिक्षा प्रदान करना है।

आर सिस्टमस इंटरनेशनल लिमिटेड के एमडी और सीईओ डा सतिंदर सिंह रेखी ने प्रसन्नचित विज्ञान – हमारा मर्कट मस्तिष्क पर संबोधित करते हुए कहा कि प्रसन्नता के लिए सबसे महत्वपूर्ण तत्व मुस्कुराहट है। हमारा मस्तिष्क सदैव मर्कट या बंदर की तरह एक स्थान से दूसरे स्थान पर दौड़ता रहता है कभी भी स्थिर नही रहता। मानव शरीर के मस्तिष्क के तीन मुख्य भाग नियोकोरटेक्स, लिबिंक ब्रेन या मस्तिष्क ब्रेन और रेपटाइल ब्रेन है। उन्होनें उदाहरण देते हुए किसी भी कार्य के लिए आपके अदंर अलग अलग भाव उत्पन्न होते है पहली आवाज उसके ना करने की, द्वितीय उसे करने की, तीसरी समझौता करने की। जबकी इसमें से कुछ भी आवाज आपकी नही होती। जब आप इन मर्कटों या बंदरों की आवाज से अवगत हो जाते है तो प्रसन्नता की आंतरिक आध्यात्मिक प्रारंभ होती है।

एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश के चांसलर डा अतुल चौहान ने संबोधित करते हुए कहा कि डा रेखी जैसे लोग समाज पर अपना प्रतिबिंब छोड़ते है लोगों के जीवन को प्रसन्नता से आलोकित करते है। हमारा उददेश्य छात्रों को सफल बनाना है और उनकी प्रसन्नता हमारा मुख्य ध्यये है। जीवन में प्रसन्नता और भावनात्मकता का विशेष स्थान होता है, एमिटी में प्रारंभ यह सेंटर सभी के अंदर प्रसन्नता को बढाने के लिए कार्य करेगा। डा चौहान ने कहा कि डा सतिंदर सिंह रेखी के सहायता से एमिटी में पहला सेंटर स्थापित किया गया। उन्होनें छात्रों से कहा कि सदैव कुछ अलग हट कर विचार करे, जीवन में कुछ अलग कार्य करने वाले ही सफल होते है। प्रसन्नतापूर्ण जीवन, मानसिक स्वस्थता जीवन में सफल बनने के लिए आवश्यक है।

एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला ने कहा कि प्रसन्नता, सफलता का प्रथम पायदान है और एमिटी मे ंहम सदैव व्यावहारिक विज्ञान पर ध्यान केन्द्रीत करते है क्योकी स्वंय को व अन्य लोगों को समझना ही प्रसन्नता की मुख्य चाबी है। अगर आज का युवा प्रसन्नचित होगा तो हमारा समाज प्रसन्नचित बनेगा और इससे देश और पूरा विश्व प्रसन्नचित होगा।

एमिटी विश्वविद्यालय के गु्रप वाइस चांसलर डा गुरिंदर सिह ने कहा कि जीवन प्रसन्नता के बिना अपूर्ण है। आज बड़ी संख्या में युवा महिलायें, बुजुर्ग और बच्चे भी तनाव से ग्रसित है। पिछले कुछ वर्षो में मानसिक अस्वस्थता एक बड़े रोग के रूप में उभरी है ऐसे में इस प्रकार के सेंटरों का महत्व और भी बढ़ जाता है। सर्वे के अनुसार प्रसन्नचित रहने वाले कर्मचारी की संख्या सें संस्थान बेहतर प्रर्दशन करता है। इस सेंटर के अंर्तगत सभी छात्रों को प्रसन्नचित रखने के लिए जोड़ा जायेगा।

इस अवसर पर मौजूद रहे

इस अवसर पर एमिटी सांइस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती, एमिटी लॉ स्कूल के चेयरमैन डा डी के बंद्योपाध्याय, डा सामदु छेत्री, डा नितिन अरोरा आदि लोग उपस्थित थे।