कई महीनों बाद बोला मरा हुआ आदमी- साहब , अभी मैं जिंदा हूं


देवरिया।
सरकारी कागजों की चूक और लापरवाही का बेहद सनसनीखेज मामला सामने आया है। जब कागजों में मरा हुआ एक सरकारी कर्मचारी अचानक बोल उठा। साहब, अभी मैं ज़िंदा हूँ। ताज़्ज़ुब की बात तो ये कि कागजों के हिसाब से ये लाश कई महीनों तक प्रदेश की राजधानी लखनऊ सहित कई जिलों में सेवाएं भी दे रही थी।
दरअसल इस पीड़ित व्यक्ति का नाम राजेंद्र शुक्ला है। जिसकी नौकरी 1999 में स्वास्थ्य विभाग में लगी और यह यह देवरिया जिला अस्पताल के हड्डी रोग विभाग में वार्ड मास्टर पद तैनात रहे। करीब दो साल पहले देवरिया जिला अस्पताल को महर्षि देवराहा बाबा मेडिकल कॉलेज में तब्दील किया गया। जिसके बाद देवरिया जिला अस्पताल के सभी कर्मचारी मेडिकल कॉलेज की अधीन हो गए।सात जून को स्वास्थ्य विभाग लखनऊ ने उनका ट्रांसफर कर दिया, जिसके बाद उनकी तैनाती गोरखपुर जिला चिकित्सालय में हो गई।लेकिन इस दौरान मेडिकल कॉलेज प्रशासन और अन्य स्वास्थ्य विभाग से बड़ी चूक हो गई और इन्हें सरकारी अभिलेखों में मृत्यु घोषित कर दिया।इतना ही नहीं मृत्यु घोषित होते वक्त यह देवरिया से लखनऊ पहुंच गए और लखनऊ से गोरखपुर भी आ गए। लेकिन सरकारी अभिलेखों में यह मरे ही रहे।जब इनको कई महीनो तक सैलरी नहीं मिली तो पीड़ित राजेंद्र शुक्ल ने अपने स्तर से जांच पड़ताल की तो उन्होंने पाया कि स्वास्थ्य विभाग सरकारी अभिलेखों में मृत घोषित है।जिसके बाद यह लखनऊ से लेकर देवरिया,गोरखपुर के स्वास्थ्य विभाग के अफसरो के चौखट पर दस्तक दे रहे हैं , लेकिन इनको हर जगह से निराशा ही हाथ लग रही है।वही पीड़ित राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि सरकारी अभिलेखों में मृत घोषित होने की वजह से उन्हें सैलरी नहीं मिल पा रही है। जिससे एक बड़ी समस्या उत्पन्न हो रही है। इस पूरे मामले पर सीएमओ ने बताया कि पोर्टल में जानकारी भरते समय कुछ गलतियां हुई हैं, जिनके सुधार के लिए पत्र लिखा गया है और इस पूरे मामले पर एक जांच इंक्वारी भी गठित की गई है।