फिलहाल यूपी में सपा मतलब ‘अखिलेश’ और ‘नरेश’

यूपी में सपा का एक पद छोड़ बाकी सभी इकाइयां भंग

लखनऊ:- समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तत्काल प्रभाव से समाजवादी पार्टी प्रदेश अध्यक्ष को छोड़कर अन्य सभी युवा संगठनों, महिला सभा एवं अन्य सभी प्रकोष्ठों के राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रदेश अध्यक्ष, सहित राष्ट्रीय, राज्य कार्यकारिणी को भंग कर दिया है। बताया जा रहा है कि हाल ही में हुए रामपुर और आजमगढ़ उपचुनाव के नतीजों के बाद अखिलेश यादव ने इतना बड़ा फैसला लिया है। इसे पार्टी में बहुत जल्द बड़ें स्तर पर फेरबदल की तैयारी भी बताया जा रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सम्मेलन के बाद नए सिरे से संगठन को तैयार किया जाएगा।

2024 की तैयारी तो नहीं?:

अखिलेश के इस फैसले ने राजनीतिक गलियारों में एक नई चर्चा का विषय दे दिया है। इस एक्शन को लोग 2024 से जोड़ कर देख रहे हैं। माना जा रहा है कि पार्टी की इकाइयों को भंग करने के बाद अब प्रदेश स्तर पर एक बार फिर मजबूती से खड़ा करने की कोशिश कर सकते हैं। ऐसे में संगठनात्मक चुनाव की भी तैयारी हो सकती है। इससे पार्टी को निचले स्तर पर सक्रिय करने में मदद मिलेगी। माना जा रहा कि अब अखिलेश संगठन में पूरी तरह से बदलाव करने जा रहे हैं। 

प्रदेश अध्यक्ष को मिला निष्ठा का फल:

अखिलेश यादव ने यूपी प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल को छोड़कर बाकी सभी पदाधिकारियों को हटाते हुए यूनिट्स को भंग कर दिया है। नरेश उत्तम पटेल पर अखिलेश का ये प्रेम यूं ही नहीं है। उन्हें विधानसभा चुनावों के परिणाम का भी श्रेय कम नहीं है। विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी भले से सरकार न बना पाई ही लेकिन पार्टी का वोट प्रतिशत बढ़ना और 111 सीटों पर जीत दर्ज करना ज़मीनी स्तर पर समाजवादी पार्टी की पकड़ को दर्शाता है। इसके लिए अखिलेश ने नरेश की मेहनत को कतई नज़रंदाज़ नहीं किया। अब अटकलें लगाई जा रही है कि जल्द ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से सलाह कर पार्टी को नए सिरे से मजबूत करेंगे।

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