ब्रह्मकुमारी सेंटर पर मीडिया कर्मियों का तनाव कम करने के लिए सेमिनार का आयोजन

नोएडा :- शनिवार को नोएडा के ब्रह्मा कुमारीज राजयोग सेंटर सेक्टर 26 में एक सेमिनार का आयोजन किया गया। यह सेमिनार ‘समृद्ध भारत की दिशा में मीडिया’ पर ब्रह्मकुमारीयो का राष्ट्रीय अभियान का हिस्सा है। इस समारोह का मुख्य उद्देश्य है की मीडिया जगत में काम कर रहे मीडिया कर्मियों का तनाव मेडिटेशन से कैसे कम किया जाए। यदि तनाव कम होगा तो वह बेहतर ढंग से अपना कार्य कर पाएंगे और राष्ट्र निर्माण में सकारात्मक भूमिका दे पाएंगे। इस कार्यक्रम में लगभग नोएडा के 70 से अधिक मीडिया कर्मियों ने हिस्सा लिया।

नोएडा सेक्टर 26 में आयोजित इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में आईआईएमसी के डायरेक्टर जनरल प्रोफेसर संजय द्विवेदी विशेष अतिथि के तौर पर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। मारवाह स्टूडियो और एशियन एकेडमी आफ फिल्म एंड टेलिविजन के प्रेसिडेंट डॉक्टर संदीप मारवाह गेस्ट ऑफ ऑनर के तौर पर मौजूद रहे। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुई।

मुख्य वक्ता व प्रेरक वक्ता लक्ष्मी दीदी ने कहा

इस कार्यक्रम की मुख्य वक्ता व प्रेरक वक्ता लक्ष्मी दीदी ने सभी मीडिया कर्मियों को मेडिटेशन के साथ सरल जीवन जीने का तरीका बताया। जिससे कि हम अपना तनाव खत्म कर सके और उसका प्रभाव अपने काम पर ना दिखने दें। लक्ष्मी दीदी ने कहा कि डब्ल्यूएचओ (WHO) के मुताबिक भारत में हर चौथे व्यक्ति को बीपी शुगर या कोई ना कोई प्रॉब्लम है। आज से 70-80 वर्ष पहले किसी को इतनी समस्याएं नहीं थी। मगर आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में टेंशन से समस्याएं जटिल होती जा रही है। WHO ने भारत को capital of sugar तक बोल दिया है।

आगे संबोधित करते हुए लक्ष्मी दीदी ने कहा कि हमारे विचारों का प्रभाव हमारे शरीर पर पड़ता है तनाव के कारण भोजन पता नहीं वह ब्लड में जाकर मधुमेह का कारण बनता है। जब हम पॉजिटिव विचार और मेडिटेशन करते हैं तो उसका सकारात्मक प्रभाव हमारे शरीर पर होता है जिससे हमारा शरीर स्ट्रांग होता है यदि हम बीमार होते हैं तो एक बीमारी दूसरी बीमारी का कारण बनती है

इसका निवारण क्या है

लक्ष्मी दीदी ने गोल्डन प्रिंसिपल का जिक्र करते हुए बताया कि हमको स्ट्रेस फ्री लाइफ और पॉजिटिव थिंकिंग के साथ जीवन जीना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन हमारे मस्तिष्क में लगभग 30 से 40 हजार विचार आते हैं। जो चार प्रकार के होते है

कुछ पॉजिटिव विचार

कुछ नेगेटिव विचार

आवश्यक विचार

कुछ वस्ट विचार

आगे उन्होंने मूल मंत्र देते हुए बताया कि हमें सुबह पॉजिटिव विचार के साथ उठना चाहिए सुबह हमारा सबकॉन्शियस माइंड एक्टिवेट रहता है।

प्रोफेसर संजय द्विवेदी ने कहा

कार्यक्रम में मुख्‍य अतिथि के रूप में मौजूद प्रोफेसर संजय द्विवेदी ने कुछ प्रमुख बिंदुओं को सामने रखा जिससे समारोह में मौजूद लोगेां को उपयो‍गी मंत्र मिले। जैसे, संजय द्विवेदी जी ने कहा, जिसे कभी क्षमा करने नहीं आया, वह अच्‍छा इंसान नहीं हो सकता, अपनी संस्‍कृति का महिमामंडन करने के साथ हमें इसे बचाने के लिए आगे आना होगा, परिवार और समाज पर काम करने की जरूरत है ताकि दुनिया में युद्ध रोका जा सके। उन्होंने कहा कि भारत को स्वर्णिम भारत बनाने के लिए सिर्फ मीडिया ही नहीं आगे आएगी बल्कि हर फील्ड के लोगों को आगे आना चाहिए, क्योंकि हर किसी की भूमिका समाज में उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी मीडिया की है। यही नहीं कार्यक्रम में मौजूद दूसरे अतिथियों ने भी तनाव मुक्त सुदंर माहौल बनाने की बात पर जोर दिया

डॉ संदीप मारवाह ने कहा

उन्होंने कहा कि आपकी शुभ भावना एक पवित्र ऊर्जा बनकर औरों तक पहुंच जाती है। उस अदृश्‍य ऊर्जा को आप देख नहीं सकते,पर महसूस कर पाते हैं। लेकिन हम इस शुभ भावना को अपने भीतर दिन भर में कितनी बार और कितनी देर तक महसूस कर पाते हैं ? तनाव बार-बार हावी क्‍यों हो जाता है, हम अपने ही विचारों के कारण सरल जीवन कोई इतना जटिल क्यों बना लेते हैं। उन्होंने अपने अनुभव को सेमिनार में मौजूद मीडिया कर्मियों के साथ साझा किया।

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