:- ईमानदारी से हो रही है भर्ती प्रक्रिया : सीएम योगी
लखनऊ :- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को विधानसभा में समाजवादी पार्टी और नेता विरोधी दल अखिलेश यादव को प्रदेश में बेरोजगारी और शिक्षा के संबंध में पूछे गए सवाल पर आईना दिखाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अच्छा है कि नेता विरोधी दल को भी अब जनसंख्या की चिंता होने लगी है। इसी को नियंत्रित करने के लिए हम लोग समान कानून की बात कर रहे हैं। चलिए समाजवादियों में कुछ तो प्रोग्रेस हुई है। प्रगति के बारे में सोचना अच्छी बात है। उन्होंने कहा कि अभी एक सदस्य ने बेसिक शिक्षा के विषय में एक प्रदेश, एक कोर्स और एक मूल्य को लेकर सवाल पूछा था। इसमें एक देश और एक कानून को भी जोड़ देते तो अच्छा होता। सीएम योगी ने बेरोजगारी दर को लेकर कहा कि बेरोजगारी दर जो 2017 से पहले 19 फीसदी थी, वो आज 3 से 4 के बीच रह गई है। प्रदेश में रोजगार के जो अवसर सृजित हुए हैं, उसी की वजह से बेरोजगारी दर में कमी आई है।
ईमानदारी से हो रही है भर्ती प्रक्रिया:
सीएम योगी ने प्रदेश में बेरोजगारी दर में हुए सुधार को रोजगार के बढ़ रहे अवसरों से जोड़ते हुए अखिलेश पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सरकार क्या कर रही है ये तो सर्वे भी बताते हैं। बेरोजगारी दर इस बात पर निर्भर करती है कि रोजगार कितने सृजित हुए। 2016-17 में उत्तर प्रदेश की बेरोजगारी दर 19 फीसदी से अधिक थी और आज के दिन पर यह 3 से 4 के बीच रह गई है। ये दिखाता है कि उत्तर प्रदेश में रोजगार के अवसर सृजित हुए हैं। लोगों को पारदर्शी तरीके से नौकरी मिल रही है और नौकरी की कोई भी प्रक्रिया न्यायालय में लंबित नहीं है।
छात्रों को पढ़ा रहे रोजगारपरक पाठ्यक्रम:
सीएम योगी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू हो चुकी है और इसमें सामान्य पाठ्यक्रम के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के रोजगारपरक पाठ्यक्रमों को भी पैरलल उपलब्ध कराने के कार्यक्रम शुरू किए जा चुके हैं। माध्यमिक शिक्षा में भी राज्य सरकार ने उस अभियान को आगे बढ़ाया है जिसमें सामान्य पाठ्यक्रम को जारी रखते हुए पैरामेडिकल, ड्रोन टेक्नोलॉजी, डेटा एनालिसिस, थ्री डी प्रिंटिंग या फिर इससे संबंधित सर्टिफिकेट कोर्सेज से छात्रों को जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए पहले से ही व्यवसायिक शिक्षा के पाठ्यक्रम में व्यापक परिवर्तन करने के कार्य हो रहे हैं।
नकल माफिया पर कसी गई है लगाम:
सीएम योगी ने कहा कि पिछले 6 वर्ष में नकल विहीन परीक्षा सुचारू रूप से संपन्न हुई है। नकल माफिया पर लगाम कसी गई है। पहली बार हुआ है जब माध्यमिक शिक्षा जिसमें हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा जो पहले 2 से 3 महीने तक चलती रहती थी वो मात्र 15 दिन में संपन्न हुई है और मात्र 14 दिन में परिणाम भी आए हैं। 56 लाख बच्चों के परिणाम मात्र 29 दिन (परीक्षा से लेकर परिणाम जारी होने तक)में आए हैं।
शिक्षकों की पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के लिए आयोग :
उन्होंने कहा कि जहां तक शिक्षकों की भर्ती का विषय है तो कोई भी मामला न्यायालय में लंबित नहीं है। 1.64 हजार से अधिक शिक्षकों की भर्ती बेसिक और माध्यमिक शिक्षा में इस सरकार ने की है। शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया को युद्धस्तर पर किया जा रहा है। यदि कहीं वेकेंसी है चाहे वो माध्यमिक में हो, बेसिक में हो, उच्च शिक्षा में हो, प्राविधिक में हो, व्यवसायिक शिक्षा में हो या फिर संस्कृत विद्यालयों में हो, इन सबकी भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी तरीके से संपन्न कराने के लिए हमारी सरकार एक नए शिक्षा आयोग के गठन के लिए बिल लेकर आई है। बिल पर आपको भी अपनी बात रखने का अवसर प्राप्त होगा। जो भी सुझाव आएंगे उन पर सरकार विचार करेगी।