Up News : साइबर अपराधियों से दो कदम आगे सोचना होगा , तभी होगा नियंत्रण : सीएम योगी


लखनऊ :- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को अपने सरकारी आवास पर उत्तर प्रदेश राज्य फॉरेंसिक विज्ञान संस्थान के प्रथम शैक्षणिक सत्र 2023-2024 के छात्रों से संवाद किया। इस अवसर मुख्यमंत्री ने संस्थान के समस्त शिक्षकों एवं छात्र व छात्राओं का परिचय भी प्राप्त किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि कहीं कोई अपराध होता है तो उसकी जांच और रिपोर्ट पूरी होने में महीनों लग जाते हैं। बहुत बार पीड़ित न्याय पाने से वंचित हो जाता है या न्याय की आस में पूरा जीवन ही खत्म हो जाता है। आवश्यक है कि हम लोग आज अपराध की प्रकृति क्या है और समाज की डिमांड क्या है, उसके लिए खुद को तैयार करें। टेक्नोलॉजी के लिहाज से अगर हम खुद को तैयार नहीं करेंगे तो पिछड़ जाएंगे।
योगी ने कहा कि यदि समयबद्ध तरीके से लोगों को न्याय नहीं मिल पाता है, न्याय सुगम नहीं है, सस्ता नहीं है तो फिर यह सारे शब्द बेकार हो जाते हैं। आम जनमानस का विश्वास यदि हमारी संवैधानिक संस्थाओं से हटा, प्रशासनिक व्यवस्था से हटा तो ये किसी के हक में नहीं है। इस दृष्टि से हम लोगों को भी अपने आप को अपडेट करना होगा, समय के अनुरूप तैयार करना होगा। झारखंड का जामताड़ा और राष्ट्रीय राजधानी के करीब मेवात में साइबर क्राइम के ज्यादातर मामले पाए गए हैं। यहां के लोग अपनी ऊर्जा को सकारात्मक दिशा में ले जाने के बजाए नकारात्मक दिशा की ओर ले गए, जिसका दुष्परिणाम यह है कि इस क्षेत्र में नए-नए तरीके अपनाए गए। इन क्षेत्रों के लिए लोगों का दृष्टिकोण बहुत नकारात्मक हो गया है। ये चीजें हमें बताती हैं कि लोगों में ऊर्जा थी, लेकिन उसे सकारात्मक दिशा ले जाने की दिशा में जो जरूरत थी, वो उन्हें नहीं मिल पाया। या फिर उन्हें उस प्रकार का प्लेटफॉर्म नहीं मिल पाया। समय के अनुरूप हमें भी अपने आप को तैयार करना होगा।
सीएम ने कहा कि प्रदेश सरकार ने तय किया है कि हम लोग उत्तर प्रदेश राज्य फॉरेंसिक विज्ञान संस्थान की स्थापना करेंगे।
सीएम ने फॉरेंसिक जैसी तकनीक की वकालत करते हुए कहा कि 2017 में जब हमारी सरकार आई थी, तब साइबर क्राइम का रेट बढ़ता दिखाई दे रहा था। उस समय ही हमने कहा था कि इसे गंभीरता से लेना चाहिए। आज भी उसके एक्सपर्ट्स की कमी महसूस की जाती है। आज हम मानते हैं कि रेंज नहीं, बल्कि हर जनपद में और हर थाने में साइबर हेल्प डेस्क होनी चाहिए। साथ ही इसके एक्सपर्ट्स भी होने चाहिए। यही हाल एफएसएल लैब्स का भी है। इनके लिए साइंटिस्ट और टेक्नीशियंस की कमी है। ये सिर्फ यूपी नहीं पूरे देश में स्थिति है। आप इस आवश्यकता की पूर्ति का माध्यम बनेंगे। इसके लिए आपको खुद को तैयार करना होगा। साइबर अपराध से जुड़े लोगों से दो कदम आगे सोचने की आदत डालनी होगी। अपनी दृष्टि को विस्तार देना होगा। अगर आप किसी भी एंटी सोशल, एंटी नेशनल या लॉ एंड ऑर्डर को चुनौती देने वाले किसी भी तत्व से दो कदम आगे सोचने की सामर्थ्य रखते हैं तो आप उसको नियंत्रित कर पाएंगे। यदि दो कदम पीछे हैं तो वह आपको नियंत्रित कर लेगे। आपके सोचने की सामर्थ्य समाप्त कर देगा। इसके लिए निरंतर संस्थान को कार्य करना होगा।
सीएम योगी ने कहा कि समाज में हम गुड गवर्नेंस, डेमोक्रेसी जैसे शब्दों को सुनते हैं।

कार्यक्रम के दौरान प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री संजय प्रसाद, डीजीपी विजय कुमार, स्पेशल डीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार, उत्तर प्रदेश राज्य फॉरेंसिक विज्ञान संस्थान के डायरेक्टर एडीजी डॉ जीके गोस्वामी, डीआईजी राजीव गोयनका समेत संस्थान से सभी फैकल्टी मेंबर और छात्र व छात्राएं उपस्थित रहे।