नई दिल्ली :- राजधानी दिल्ली में बरसात के दिनों में जलभराव की समस्या से पूरी दिल्ली को ढूंढना पड़ता है जिससे ट्रैफिक जाम और हादसों का डर बना रहता है दिल्ली को जलभराव से मुक्ति दिलाने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को ड्रेनेज मास्टर प्लान की समीक्षा बैठक की। जिसमें उन्होंने जलभराव से छुटकारा दिलाने के लिए सारा कार्य दिल्ली सरकार के हाथों में सौंपने के निर्देश दिए। साथ ही कहा है कि दिल्ली को जलभराव मुक्त करने का प्लान बनाने के लिए सलाहकार की नियुक्ति की जाएगी।
इस संबंध में सभी संबंधित एजेंसियों से जल्द स्वीकृति लेने की पहल की जाएगी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सरकार के अधिकारियों को सभी एजेंसियों के अधिकारियों से बात करने के निर्देश दिए।
क्या है सीएम केजरीवाल का मास्टर प्लान
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा अगर हम दिल्ली को वर्ल्ड क्लास सिटी बनाना चाहते हैं तो हमें दिल्ली में जलभराव की समस्या से निजात पानी होगी। इसीलिए दिल्ली सरकार जलभराव की समस्या से निपटने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है।और जलभराव से मुक्त करने का सारा काम अपने हाथों में लेने का निर्णय लिया है। दरअसल दिल्ली में कई एजेंसियां हैं, जिनके पास जलभराव मुक्त करने संबंधी काम बंटा हुआ है
दिल्ली में करीब 2846 नालिया है
सीएम केजरीवाल ने बताया कि दिल्ली में बारिश के दौरान जलभराव की स्थिति से बचने के लिए हमें नालियों और नालों में जो भी जरूरी बदलाव है उन्हें करने की आवश्यकता है।जिससे कि बारिश के दिनों में पानी सुचारू रूप से निकल सके इसके लिए हर नाली और नाले की अलग-अलग योजना बनेगी। दिल्ली में छोटी-बड़ी करीब 2846 नालियां हैं और इनकी लंबाई करीब 3692 किलोमीटर है। इन नालियों का एक बड़ा हिस्सा लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के पास है और पीडब्ल्यूडी इसका नोडल विभाग भी है। दिल्ली को तीन प्रमुख प्राकृतिक जल निकासी के तौर पर विभाजित किया गया है। यह तीन जल निकासी क्षेत्र यमुना पार, बारापुला और नजफगढ़ है। इसके अलावा कुछ बहुत छोटे जल निकासी बेसिन अरुणा नगर और चंद्रावल भी है। यह सीधे यमुना में गिरते हैं। बैठक में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, पीडब्ल्यूडी सचिव सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे