कांवड़ यात्रा 2022: गोमुख की यात्रा पर रहेगा ये प्रतिबंध


एक दिन में सिर्फ इतने ही कांवड़ियों को मिलेगी अनुमति


उत्तराखंड/उत्तरप्रदेश:- 14 जुलाई से शुरू हो रही कांवड़ यात्रा के लिए दिल्ली,उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड तीनों ही सरकारों ने कमर कस ली है। इस बार कांवड़ यात्रा सकुशल पूरी हो , इसके मेगा प्लान तैयार किया गया है। प्रशासन के अनुसार पिछले दो वर्षों तक रोक के बाद इस बार चार से पांच करोड़ कांवड़ियों के हरिद्वार पहुंचने का अनुमान है। इस बाबत स्वयं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उच्चाधिकारियों संग कई स्तर की बैठकें कर चुके हैं। सरकार इस बार सम्भावित भीड़ को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा और स्वास्थ्य संबंधी सभी तैयारियों पर मुस्तैदी दिख रही है। पूरी यात्रा को 6 सेक्टरों में बांटा गया है। मुख्य बात ये है कि इस बीच गोमुख तक एक बार में सिर्फ 150 कावंड़ियों को ही जाने की अनुमति होगी।

ड्रोन से होगी चप्पे चप्पे की निगरानी:


अधिकारी बताते हैं कि कांवड़ मार्ग की निगरानी पहली बार ड्रोन से होगी। इस बार सभी सुरक्षा एजेंसियां यात्रा मार्ग पर पूरी नज़र रखेंगी। देहरादून जिलेभर में हाल में ड्यूटी कर रहीं 36 महिला दरोगाओं के मुकाबले 41 को कांवड़ ड्यूटी के लिए मांग लिया गया है। साथ अन्य तैनातियों में भी इजाफा किया गया है। दूसरी तरह उत्तरप्रदेश की सीमा में 50 से अधिक स्थान संवेदनशील किए गए हैं। जिसे देखते हुए 400 से ज्यादा सीसीटीवी के साथ मुजफ्फरनगर मेरठ में चार कंट्रोल रूम तैयार किए गए हैं। 20 से अधिक एटीएस और एसटीएफ की टीमें तैनात की गईं हैं। यही नहीं ज़रूरत पड़ने पर अतिरिक्त फोर्स की भी तैनाती की जाएगी। अधिकारियों को विशेष दिए गए हैं कि यात्रा मार्ग में दुकानों में कोई भी ऐसी चीज की बिक्री नहीं होगी जिसका हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा सके।

चिकित्सा व्यवस्था भी दुरुस्त:
यात्रा जे दौरान उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड के यात्रा मार्ग के आस पास के अस्पतालों में कांवड़ियों के लिए 24 घंटे बेड आरक्षित रहेंगे।
विशेष मोबाइल मेडिकल टीमें 24 घंटे तैनात
शिविरों में भी डॉक्टरों की तैनाती रहेगी। कांवड़ियों के लिए कांवड़ पटरी और चेकपोस्ट में 17 स्वास्थ्य शिविर लगाए जा रहे हैं। कांवड़ पटरी में पथप्रकाश और शौचालय की व्यवस्था की जा चुकी है। बताया जा रहा है कि पार्किंग व्यवस्था के साथ सरकारी और निजी अस्पतालों में 1300 के करीब बेड रिजर्व रखे गए हैं।

ये हैं खास प्रतिबंध:
कांवड़ यात्रा के दौरान एक्सप्रेसवे पर कांवड़ियों के प्रवेश पर रोक रहेगी। साथ ही हाईवे पर किसी भी तरह के शिविर लगाने पर प्रतिबंध है। सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध के चलते शिविरों में प्लास्टिक के दोने, गिलास चम्मच पर रोक लगा दी गई है। साथ ही हाईकोर्ट के निर्देश के अनुसार तेज आवाज में डीजे आदि बजाने की अनुमति नहीं है और कांवड़ मार्ग पर मीट और मदिरा की दुकानें नहीं खोली जा सकेंगी।

डीजीपी बोले:

यात्रा को देखते हुए उत्तराखंड डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि कांवड़ यात्रा में इस बार चार करोड़ यात्रियों के आने की संभावना है। पूरे कांवड़ क्षेत्र को 12 सुपर जोन, 31 जोन और 133 सेक्टर में बांटा गया है। चारधाम,मसूरी एवं देहरादून आने वाले यात्रियों के लिए हरिद्वार से हटकर रूट तैयार किये गए हैं।

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