नई दिल्ली।
दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने संशोधित कृषि भूमि सर्किल रेट फाइल एक माह बाद दिल्ली सरकार को लौटा दी है। एलजी ने कुछ बिंदुओं पर दिल्ली सरकार से स्थिति स्पष्ट करने को कहा था। सात अगस्त को अरविंद केजरीवाल की सरकार ने कृषि भूमि के सर्किल रेट में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। उसके बाद से मंजूरी के लिए ये फाइल एलजी के पास भेजी गई थी। अब इस फाइल को एलजी ने लौटा दी है। इस बीच दिल्ली सर्किल रेट बढ़ाने के तरीके को लेकर कांग्रेस और बीजेपी ने आपत्ति जताई थी।
राजनिवास के अधिकारियों ने बताया है कि एलजी वीके सक्सेना ने प्रस्ताव का अध्ययन करने के बाद दिल्ली सरकार से दो बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा है। बता दें कि दिल्ली सरकार द्वारा प्रस्तावित दरें कृषि भूमि की दरों पर कब्जा करने के लिए गठित एक कार्य समूह की की रिपोर्ट पर आधारित हैं। साल 2017 के बाद से कई गांवों का शहरीकरण किया गया। इसके परिणामस्वरूप दक्षिण-पश्चिम जिले के संबंध में शहरीकृत और ग्रीन बेल्ट गांवों की श्रेणियों में कुछ गांवों का ओवरलैप हो गया है। फाइल में अलग-अलग दरों के हिसाब से गांवों को ग्रीन बेल्ट में वर्गीकृत करने के औचित्य और तरीके के बारे में कुछ नहीं है। बता दें कि दिल्ली सरकार ने 15 साल बाद कृषि भूमि के सर्कल दरों में बढ़ोतरी की थी।
बता दें कि दिल्ली सरकार ने संशोधित कृषि भूमि सर्किल रेट के तहत दक्षिण और नई दिल्ली जिलों में कृषि भूमि का सर्कल रेट 5 करोड़ रुपये प्रति एकड़ तय किया था। उत्तर, पश्चिम, दक्षिण-पश्चिम और उत्तर-पश्चिम में 3 करोड़ रुपये, मध्य और दक्षिण पूर्व जिलों में 2.5 करोड़ रुपये और शाहदरा, पूर्वोत्तर और पूर्व में 2.25 करोड़ रुपये तय किया था।