नई दिल्ली।
दिल्ली में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए सरकार व सभी ज़िम्मेदार एजेंसियों ने युद्धस्तर पर कार्रवाई शुरू की है। इस कड़ी में एमसीडी ने सख्ती दिखाते हुए चालान काटने शुरू कर दिए हैं। एमसीडी की टीमों ने पिछले सात दिनों में डेढ़ करोड़ से ऊपर का चालान काटा है।
दिल्ली की मेयर शेली ओबेरॉय ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते वायु प्रदूषण के लिए खुले में कूड़ा जलाना, निर्माण और विध्वंस कार्यों का मलबा डालना और रेस्तरां में तंदूरों का उपयोग काफी हद तक जिम्मेदार है। ओबेरॉय ने कहा कि निगम ने इन गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाया है और इसका उल्लंघन करने वालों पर लगाए गए जुर्माने के तहत सात दिनों में लगभग 1.51 करोड़ रुपये वसूले हैं।
हमने खुले में कूड़ा जलाने और मलबा डालने पर नजर रखने के लिए विशेष दल तैनात किये हैं, ऐसी गतिविधियों पर बढ़ते वायु प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए प्रतिबंध लगा दिया गया है। ये गतिविधियां दिल्ली में वायु प्रदूषण बढ़ाने वाली हैं। राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए एमसीडी ने 517 निगरानी दल तैनात किये हैं। इन दलों ने सात दिनों में खुले में कचरा जलाने के लिए 297 चालान और मलबा डालने के लिए 622 चालान किए हैं। खुले में कूड़ा जलाने पर रोक लगाने के लिए 175 दलों को दिन की निगरानी के लिए और 124 दलों को रात की निगरानी के लिए तैनात किया गया है। जानकारी के अनुसार, नगर निकाय ने खुले में कचरा जलाने के लिए जुर्माने के तौर पर 14.85 लाख रुपये और मलबा डालने पर प्रतिबंध का उल्लंघन करने वालों से 1.37 करोड़ रुपये वसूले हैं। वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के प्रयास में एमसीडी ने रेस्तरां से 676 तंदूर भी हटा दिए हैं।