नई दिल्ली।
आम आदमी पार्टी ने एलजी से सरकारी स्कूलों में तैनात शिक्षकों के तबादले का आदेश वापस कराने की मांग की है। ‘‘आप’’ के वरिष्ठ नेता दिलीप पांडे ने कहा कि दिल्ली शिक्षा मॉडल को स्थापित करने में इन शिक्षकों की बहुत बड़ी भूमिका रही है। इसीलिए शिक्षा मंत्री आतिशी ने इन शिक्षकों के तबादले को निरस्त करने का निर्देश दिया था। उनके निर्देश के बावजूद भाजपा के कहने पर 5 हजार से ज्यादा शिक्षकों के ट्रांसफर कर दिया गया। शिक्षा मंत्री ने एक बार फिर मुख्य सचिव को पत्र लिखकर निर्देश दिया है कि शिक्षकों के तबादले के आदेश को वापस लिया जाए और उनके आदेश का उल्लंघन करने वाले अफसरों पर कार्रवाई की जाए। उन्हांेने कहा कि भाजपा शिक्षकों का तबादला कर बच्चों के पठन-पाठन में व्यवधान पैदा करना चाहती है। जबकि केजरीवाल सरकार ने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए अपना 26 फीसद बजट खर्च किया और कई ठोस कदम उठाए। इसकी बदौलत शिक्षा व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव आया। ‘‘आप’’ इस तबादले के खिलाफ है और शिक्षकों के साथ खड़ी है।
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं विधायक दिलीप पांडे ने गुरुवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेस वार्ता कर कहा कि देश और पूरी दुनिया में मशहूर दिल्ली का क्रांतिकारी शिक्षा मॉडल मुख्यतः तीन समानांतर रणनीतियों को एक साथ आगे बढ़ाने की वजह से बना है। पहला, सीएम अरविंद केजरीवाल और देश के सबसे लोकप्रिय तत्कालीन शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया का मार्गदर्शन है। दूसरा, मैनेजमेंट कमेटी के जरिए पैरेंट्स और छात्रों की सहभागिता है। तीसरा, इन सरकारी स्कूलों के शिक्षक हैं। दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने से पहले देश के भविष्य को संवारने की जिम्मेदारी जिन शिक्षकों पर थी, वे पुरानी प्रशासनिक व्यवस्था और राजनीति के कारण केवल शिक्षा कर्मी बनकर रह गए थे। लेकिन दिल्ली में हमारी सरकार बनने के बाद, सीएम अरविंद केजरीवाल के दिशा-निर्देश में दिल्ली सरकार ने अपने बजट का कुल 26 फीसद हिस्सा शिक्षा पर खर्च कर एक सफल और क्रांतिकारी शिक्षा मॉडल बनाया। इससे न केवल इन शिक्षा कर्मियों को शिक्षक की जिम्मेदारी का अहसास हुआ, बल्कि उन्होंने दिल्ली के शिक्षा मॉडल को सफल बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
आम आदमी पार्टी शिक्षकों पर हो रहे अन्याय के खिलाफ है। हम शिक्षकों के हक और इंसाफ की लड़ाई में उनके साथ हैं। हम भाजपा की तानाशाही और गुंडागर्दी के खिलाफ उनकी आवाज उठाते रहेंगे। हमें उम्मीद है कि भाजपा और एलजी दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की पढ़ाई को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। बीजेपी और एलजी दफ्तर मिलकर इन तबादलों को रद्द करेंगे और शिक्षकों को उनका काम करने देंगे।