दिल्ली का किंग कौन? एक बार फिर होगी सुप्रीम सुनवाई

 अफसरों के ट्रांसफर,पोस्टिंग के अधिकार के मामले में दिल्ली और केंद्र एक बार फिर आमने सामने

नई दिल्ली:- राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अफसरों की ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर दिल्ली बनाम केंद्र सरकार का एक मामला सुप्रीम कोर्ट में है। इस मामले में मंगलवार को उच्चतम न्यायालय सुनवाई के लिए 5 न्यायाधीशों की एक संविधान पीठ का गठन करने के लिए सहमत हो गया। 

प्रधान न्यायाधीश एन.वी. रमण, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की एक पीठ दिल्ली सरकार की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता ए.एम. सिंघवी के मामले पर तत्काल सुनवाई के अनुरोध पर भी सहमत हुई। बता दें कि इससे पहले 6 मई को अफसरों के ट्रांसफर, पोस्टिंग का मामला संविधान पीठ को भेजा गया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सेवाओं पर पांच जजों की संविधान पीठ सुनवाई करेगी। तीन जजों की पीठ ने मामले को संविधान पीठ को भेजा था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसा लगता है कि पहले की संविधान पीठ ने सेवाओं के मुद्दे पर विचार नहीं किया। 

गौरतलब है कि दिल्ली सरकार ने मामले को संविधान पीठ भेजे जाने की केंद्र की दलील का विरोध किया था। केंद्र की दलीलों पर दिल्ली सरकार ने आपत्ति जताई थी। दिल्ली सरकार ने मामले को 5 जजों की संवैधानिक पीठ को भेजने के केंद्र के सुझाव का विरोध किया था।

जबकि केंद्र की दलील है कि 2018 में संविधान पीठ ने सेवा मामले को छुआ नहीं था, इसलिए मामले को पांच जजों की पीठ को भेजा जाए। 

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