7 बच्चों पर 3 अध्यापक , बच्चे नहीं लिख पाए हिंदी में अपना नाम , अध्यापकों पर होगी कार्रवाई

उत्तरकाशी।
देश के सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था की बदहाली शायद ही किसी से छिपी हो। ऐसे प्राथमिक और जूनियर हाईस्कूलों के हालात तो और भी बदतर हैं। अध्यापको की मनमानी से चलने वाले ऐसे अधिकांश स्कूलों में बच्चों को ज्ञान के नाम पर सिर्फ मिड दे मील ही हाथ लगता है। लेकिन इस बार उत्तराखंड के उत्तरकाशी में तो शिक्षा व्यवस्था की भयावह तस्वीर सामने आई है। यहां मात्र 7 बच्चों को पढ़ाने के लिए 3 टीचर हैं , लेकिन बच्चों को हिंदी में अपना नाम तक लिखना नहीं आता। लापरवाही के एक से बढ़कर एक कारनामे वाले इस स्कूल की ख़बर वायरल होने के बाद शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने इसकी सुध ली है। अब लापरवाह अध्यापकों पर कार्रवाई की तैयारी है।
मामला उत्तरकाशी जनपद के डुण्डा प्रखंड के जूनियर हाईस्कूल नवागांव का है। जहां मात्र सात बच्चों पर तीन अध्यापक बच्चों के भविष्य को संवारने के लिए कार्यरत हैं । मगर विगत तीन दिन से अध्यापक स्कूल से नदारद रहते आ रहे थे और बच्चे स्कूल जाते तथा मध्याहन भोजन कर घर को लौट जाते। रोज-रोज का यह मंजर देखते हुए गांव के एक ब्यक्ति ने इसका वीडीओ बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया। जो खूब वायरल हुआ। चारों तरफ विभाग की किरकिरी भी हुई। खबर का संज्ञान लेते हुए शनिवार को खंड शिक्षा अधिकारी हर्षा रावत सुबह सुबह स्कूल पहुंची तो वहां कोई अध्यापक नहीं मिला।
बच्चों का शैक्षिक स्तर निकला शून्य:
इतना ही नहीं उन्होंने जब बच्चों का शैक्षिक स्तर देखा तो वै हैरान हो गई। जूनियर के कुछ बच्चे अपना नाम नहीं लिख पाये । अंग्रेजी और विज्ञान ,गणित का शैक्षिक स्तर तो बच्चों में शून्य ही था। और गणित व विज्ञान में बच्चों की कापियों का तो अध्यापकों ने 2 माह से मूल्यांकन भी नहीं किया था। उन्होंने आश्चर्य जताया कि सात बच्चों पर तीन अध्यापक है फिर भी बच्चों का शैक्षिक स्तर शून्य के बराबर है।
इस कारण नहीं पहुंचे अध्यापक:
हर्षा रावत ने ग्रामीणों से वार्तालाप करते हुए कहा कि यहां तीन अध्यापक तैनात हैं जिनमें एक मेडिकल लीव पर है और दूसरे को कुछ समय के लिए गेंवला ऐटैच किया गया था। फिलहाल जो अध्यापक ड्यूटी पर यहां तैनात हैं , वह लैंड स्लाइड के कारण रास्ते में फंस गया था और स्कूल नहीं आ पाया। लेकिन यह लापरवाही तो है ही और संबंधित अध्यापक से तत्काल स्पष्टीकरण मांगा गया है जो भी उचित होगा उच्च अधिकारियों से सलाह कर संबंधित अध्यापक के खिलाफ आवश्यक कार्यवाहीं जरूर की जायेगी।